राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने किया उत्तराखंड विधानसभा को सम्बोधित, जनता सेवा और समावेशी विकास पर जोर

राज्य स्थापना की रजत जयंती पर विशेष सत्र
शासन, जनकल्याण और सतत विकास पर ध्यान
देहरादून। उत्तराखंड राज्य के गठन की रजत जयंती के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज देहरादून में उत्तराखंड विधानसभा को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि विधानसभाएं हमारी संसदीय प्रणाली का प्रमुख स्तंभ हैं और जनता के प्रति निरंतर जवाबदेही इसका अहम हिस्सा है।
राष्ट्रपति ने विधायकों से कहा कि विधायक जनता और सरकार के बीच सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं। जनता से जुड़ने और जमीनी स्तर पर उनकी सेवा करने का अवसर मिलना बड़े सौभाग्य की बात है। उन्होंने विधायक सदस्यों से आग्रह किया कि वे विकास और जनकल्याण के कार्य दलगत राजनीति से ऊपर उठकर करें और समाज के वंचित वर्गों के कल्याण के लिए विशेष संवेदनशीलता रखें। युवाओं के लिए विकास के अवसर भी उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए।
राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 44 का हवाला देते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू करने के प्रयास सराहनीय हैं। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि उत्तराखंड विधानसभा ने अब तक 550 से अधिक विधेयक पारित किए हैं, जिनमें उत्तराखंड लोकायुक्त विधेयक, जमींदारी उन्मूलन एवं भूमि सुधार विधेयक और नकल-निरोधक विधेयक शामिल हैं।
उन्होंने उत्तराखंड की अद्वितीय प्राकृतिक संपदा और सौंदर्य की सराहना करते हुए कहा कि राज्य को इसे संरक्षित करते हुए विकास के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए। पिछले 25 वर्षों में राज्य ने पर्यावरण, ऊर्जा, पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, डिजिटल और भौतिक कनेक्टिविटी सहित बुनियादी ढांचे के विकास में भी उल्लेखनीय प्रगति की है।
राज्यपाल ले.ज. (से.नि.) गुरमीत सिंह ने प्रदेश की 25 वर्षों की विकास यात्रा को रेखांकित किया और इसे “समृद्ध एवं सशक्त उत्तराखंड” की दिशा में स्वर्णिम काल बताया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूडी और नेता विपक्ष यशपाल आर्य ने भी राष्ट्रपति का स्वागत किया और उनके मार्गदर्शन तथा राष्ट्र सेवा में योगदान की सराहना की।
अभिभाषण में यूसीसी की खास तौर पर चर्चा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपने संबोधन में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का खास तौर पर जिक्र किया। उन्होंने समानता की मजबूत पैरवी करने वाले संविधान के अनुच्छेद-44 का उल्लेख करते हुए यूसीसी लागू किए जाने की चर्चा की। यूसीसी कानून में योगदान करने पर उन्होंने सदस्यों की सराहना भी की।



