
✍️ विशेष रिपोर्ट: पं. अभिषेक कुमार मिश्रा
अवधि: 19 जुलाई से 11 अगस्त 2025 तक
ग्रह स्थिति: बुध वक्री अवस्था में कर्क राशि में प्रवेश कर रहे हैं, जिसका प्रभाव भावनाओं, संचार और पारिवारिक संबंधों पर सबसे अधिक दिखाई देगा।
🌑 क्या होता है बुध वक्री और इसका क्या प्रभाव पड़ता है?
बुध ग्रह जब पृथ्वी से देखने पर उल्टी दिशा में चलता प्रतीत होता है, तब उसे “वक्री” कहा जाता है। इस स्थिति में यह ग्रह तकनीक, व्यापार, यात्रा, संवाद, मानसिक स्थिरता और निर्णय-क्षमता पर गहरा प्रभाव डालता है।
इस बार यह वक्री भावनात्मक कर्क राशि में हुआ है, जो पारिवारिक संबंधों, मातृत्व और मन की भावनाओं से जुड़ी है। ऐसे में रिश्तों में गलतफहमी, यादों का उभार, और संचार में रुकावटें आम हो सकती हैं।
राशियों पर प्रभाव और उपाय:
♈ मेष: पारिवारिक कलह की संभावना। यात्रा से नुकसान हो सकता है।
🔹 उपाय: चांदी का दान करें, मां दुर्गा की आराधना करें।
♉ वृषभ: भाई-बहनों या सहकर्मियों से मनमुटाव।
🔹 उपाय: तुलसी में जल दें, हरे कपड़े पहनें।
♊ मिथुन: बजट बिगड़ सकता है, यह आपके स्वामी ग्रह का वक्री होना है।
🔹 उपाय: “ॐ बुं बुधाय नमः” का जाप करें।
♋ कर्क: आत्मबल में कमी, पुरानी बातें सताएंगी।
🔹 उपाय: दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
♌ सिंह: मानसिक बेचैनी और गुप्त शत्रु सक्रिय हो सकते हैं।
🔹 उपाय: नीले फूल चढ़ाएं, ध्यान करें।
♍ कन्या: दोस्त या सोशल नेटवर्क से मतभेद संभव।
🔹 उपाय: गणेश जी की पूजा करें, हरे मूंग दान करें।
♎ तुला: कार्यस्थल में तनाव, वरिष्ठों से टकराव हो सकता है।
🔹 उपाय: मिश्री का सेवन करें, सफेद वस्त्र धारण करें।
♏ वृश्चिक: विदेश से जुड़े कार्यों में देरी, वीजा-पासपोर्ट में अड़चन।
🔹 उपाय: पीपल को जल चढ़ाएं।
♐ धनु: आर्थिक धोखे की संभावना, बीमा/विरासत के मामलों में सावधानी।
🔹 उपाय: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें।
♑ मकर: वैवाहिक जीवन में तनाव, कानूनी मसलों से बचें।
🔹 उपाय: नींबू-हरी मिर्च का टोटका करें।
♒ कुंभ: कार्यस्थल की गड़बड़ी, सेहत से जुड़ी चिंता।
🔹 उपाय: सूर्य को जल चढ़ाएं, तांबे के बर्तन में पानी पिएं।
♓ मीन: प्रेम संबंधों में भ्रम, बच्चों की चिंता बढ़ सकती है।
🔹 उपाय: केले के वृक्ष की पूजा करें।
विशेष टिप्पणी:
“बुध वक्री का समय आत्ममंथन का है, निर्णय लेने का नहीं। यह वह क्षण है जब ब्रह्मांड हमें ‘ठहरने’, ‘सुनने’ और ‘समझने’ की सलाह देता है।”
📝 नोट: यदि आप अपनी जन्म कुंडली के अनुसार इस वक्री प्रभाव का व्यक्तिगत फलादेश जानना चाहते हैं, तो अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।