
आरोपों से भारत में गुस्सा
दिल्ली।
भारतीय पायलट पर अमेरिकी मीडिया द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को लेकर नया अंतरराष्ट्रीय विवाद खड़ा हो गया है। एविएशन विशेषज्ञों का कहना है कि यह आरोप तथ्यों की बजाय बोइंग कंपनी को बचाने के उद्देश्य से प्रेरित हैं। भारत सरकार और DGCA ने इन दावों को पूर्वग्रह से ग्रस्त बताया है।
मामले की शुरुआत: उड़ान के संचालन पर सवाल
अमेरिका के एक बड़े मीडिया चैनल ने हाल में एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें एक भारतीय पायलट पर कथित रूप से उड़ान संचालन के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी का आरोप लगाया गया। रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया कि उस स्थिति में विमान यात्रियों की जान जोखिम में पड़ सकती थी।
लेकिन इसी रिपोर्ट में जिस विमान की बात की जा रही है, वह बोइंग 737 मैक्स मॉडल था — वही मॉडल जो पहले भी दो बड़े हादसों का कारण बन चुका है और तकनीकी खामियों के चलते वैश्विक जांच के घेरे में रहा है।
पायलट पर नहीं, विमान पर सवाल उठ रहे हैं
उड्डयन क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि रिपोर्ट पायलट को दोषी ठहराकर बोइंग की तकनीकी विफलताओं से ध्यान हटाने की कोशिश है। भारत के एक पूर्व फ्लाइट सेफ्टी निदेशक ने कहा:
> “यह तकनीकी समस्या का मामला प्रतीत होता है, न कि मानवीय त्रुटि का। लेकिन अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में जिस तरह से पायलट को केंद्र में रखा गया है, वह बोइंग के बचाव की रणनीति जैसी लगती है।”
“बोइंग की भाषा” — आरोप नहीं, रणनीति?
सोशल मीडिया और भारतीय एविएशन हलकों में कहा जा रहा है कि अमेरिकी रिपोर्टिंग “बोइंग की भाषा” बोल रही है — यानी कंपनियों के पक्ष में, तथ्यों से परे और निष्पक्ष जांच की अनदेखी करते हुए।
DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) ने इस रिपोर्ट को “पूर्वाग्रही और भ्रामक” करार दिया है। DGCA प्रवक्ता ने कहा:
> “हमारे पायलट ICAO मानकों के अनुरूप प्रशिक्षित होते हैं। इस मामले में कोई तकनीकी त्रुटि पायलट स्तर पर सिद्ध नहीं हुई है।
👨✈️ पायलट का जवाब: “मैंने सभी नियमों का पालन किया”
गोपनीयता की शर्त पर बात करते हुए संबंधित पायलट ने मीडिया को बताया:
> “मैंने सभी मानक संचालन प्रक्रियाएं (SOP) फॉलो कीं। विमान के डेटा रिकॉर्ड और CVR (कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) सबूत हैं कि कोई गलती नहीं हुई। रिपोर्ट मेरी छवि खराब करने का प्रयास है।”
सोशल मीडिया में समर्थन की लहर
रिपोर्ट सामने आते ही ट्विटर पर #StandWithIndianPilot ट्रेंड करने लगा। हज़ारों भारतीय यूज़र्स ने अमेरिकी रिपोर्ट को “भेदभावपूर्ण” और “मनगढ़ंत” बताया। एक यूज़र ने लिखा:
> “जब टेक्नोलॉजी फेल होती है तो मीडिया चुप रहता है, लेकिन जब भारतीय पायलट गलती किए बिना उड़ान बचा लेता है, तो वही दोषी बन जाता है।