
चमोली , 16 जुलाई : विकासखंड पोखरी के ग्रामीण बचत केंद्र मसौली में करोड़ों रुपये के सरकारी धन के गबन और वित्तीय अनियमितता का बड़ा खुलासा हुआ है। चमोली पुलिस की सतर्कता और एसपी सर्वेश पंवार के निर्देशन में हुई गहन जांच के बाद इस घोटाले में पूर्व सचिव और लेखा सहायक को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इस प्रकरण को बड़े घोटाले के रूप में चिन्हित किया है, जिसमें ग्रामीणों के नाम पर फर्जी दस्तावेज बनाकर निकासी की गई।
6 साल तक चलता रहा फर्जीवाड़ा, ग्रामीणों के खातों से निकाले करोड़ों
यह घोटाला वर्ष 2017 से 2023 के बीच ग्रामीण बचत केंद्र में अंजाम दिया गया। सहायक विकास अधिकारी राजन कुमार की तहरीर पर थाना पोखरी में केस दर्ज किया गया। विभागीय जांच में पाया गया कि सेवानिवृत्त सचिव मोहनलाल और लेखा सहायक अमित सिंह नेगी ने ₹76.48 लाख की हेराफेरी की। इसी आधार पर IPC की धारा 406, 408, 409, 420, 467, 468, 471, 120B के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की गई।
पुलिस जांच में सामने आए बड़े तथ्य:
162 खातों में फर्जी निकासी: 962 खातों में से 162 खातों से फर्जी दस्तावेज और जाली हस्ताक्षर के जरिये निकासी की पुष्टि हुई।
110 खाताधारकों के बयान: खास कैंप लगाकर गांव-गांव जाकर 110 खाताधारकों के बयान दर्ज किए गए। अधिकतर लोगों ने कहा कि उन्होंने न तो कोई निकासी फॉर्म भरा था, न ही उन्हें पैसों के लेन-देन की जानकारी थी।
₹1.15 करोड़ की गुमराह निकासी: लेखा सहायक अमित सिंह नेगी ने ₹1.15 करोड़ से अधिक की रकम बैंक में जमा कराए बिना निकाल ली। वहीं मोहनलाल ने ₹12.50 लाख से अधिक की अवैध निकासी की।
फर्जी दस्तावेजों का खेल: जांच में पाया गया कि कई खातों के फॉर्म पर एक ही व्यक्ति के हस्ताक्षर बार-बार किए गए।
ग्रामीणों की जमा पूंजी संकट में: बचत केंद्र के 800 खातों में ₹26 लाख से ज्यादा, 83 एफडी में ₹40.96 लाख और 20 आरडी में ₹1.45 लाख जमा है, जो खाताधारकों को वापस किया जाना है। जबकि ₹62 लाख से ज्यादा की अवैध निकासी का पता चला है।
सहकारी संस्था के मूल उद्देश्य से विपरीत कार्य: जहां यह संस्था किसानों और ग्रामीणों के हित के लिए बनी थी, वहीं इसे निजी स्वार्थ के लिए फर्जीवाड़े का केंद्र बना दिया गया।
एसपी चमोली के निर्देशन में जांच, कठोर कार्रवाई जारी
एसपी सर्वेश पंवार ने इस प्रकरण की प्रतिदिन मॉनिटरिंग की और स्पष्ट निर्देश दिए कि जांच निष्पक्ष हो और किसी दोषी को बख्शा न जाए। पूछताछ व दस्तावेज जांच में उन्होंने खुद रुचि ली। जांच टीम में अमित सैनी (पुलिस उपाधीक्षक, कर्णप्रयाग), विनोद चौरसिया (थानाध्यक्ष, गोपेश्वर), हरेन्द्र (हेड कांस्टेबल), नरेश पाल (हेड कांस्टेबल), प्रदीप कुकरेती (कांस्टेबल) शामिल रहे।
- गिरफ्तार आरोपी:
1️⃣ अमित सिंह नेगी (30 वर्ष), ग्राम नौली, लेखा सहायक
2️⃣ मोहनलाल (63 वर्ष), ग्राम नौटी, पूर्व सचिव
दोनों को 15 जुलाई 2025 को गोपेश्वर से गिरफ्तार किया गया। अन्य अधिकारियों और लेखाकारों की भूमिका की जांच जारी है।
“भ्रष्टाचार और वित्तीय अपराध के खिलाफ चमोली पुलिस जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
– सर्वेश पंवार, पुलिस अधीक्षक चमोली