पिता ने घोंटा मासूम का गला, ममता को किया शर्मसार
पिता गिरफ्तार, कबूला जुर्म

मां बाप अपनी संतान के लिए कितनी तकलीफ़ें झेलते हैं, यह किसी से छिपा नहीं है। बच्चों की खुशी और सुरक्षा ही उनके जीवन का सबसे बड़ा मक़सद होती है। लेकिन बुलंदशहर से आई एक घटना ने रिश्तों के इस भरोसे को झकझोर कर रख दिया है। जहाँ एक पिता ने गुस्से और नाराज़गी में अपनी ही 13 वर्षीय बेटी की हत्या कर दी। इस दिल दहला देने वाले मामले ने पूरे इलाके को सन्न कर दिया और समाज के सामने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह है घटनाक्रम
- बुलंदशहर के थाना अनूप शहर कोतवाली क्षेत्र से यह दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है।
- बच्ची रोज़ की तरह उस दिन भी स्कूल गई थी।
- पिता ने स्कूल पहुँचकर बेटी को हाफ-डे में छुट्टी दिलवाई और उसे अपने साथ ले गया।
- बहाने से उसे खेत की ओर ले जाकर चुन्नी से गला घोंट दिया।
- हत्या के बाद सबूत मिटाने के इरादे से शव नहर में फेंक दिया गया।
- कुछ देर बाद नहर में शव दिखाई दिया और लोगों ने पुलिस को सूचना दी।
- पुलिस ने मौके पर पहुँचकर शव बरामद किया और पहचान के बाद जाँच शुरू की।
- शक के आधार पर पिता अजय शर्मा को हिरासत में लिया गया।
- पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया।
क्यों उठाया ऐसा कदम
पुलिस जांच में सामने आया कि बच्ची अक्सर घर से बिना बताए पैसे निकाल लेती थी और स्कूल में दोस्तों पर खर्च कर देती थी। इसी बात को लेकर पिता नाराज़ और तनावग्रस्त रहता था। नाराज़गी ने इतना खतरनाक रूप लिया कि उसने अपनी ही मासूम बेटी की जान ले ली।
पुलिस की कार्रवाई
एसपी देहात डॉ. तेजवीर सिंह के अनुसार आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस का कहना है कि मामले की विस्तृत जांच जारी रहेगी ताकि हर पहलू स्पष्ट हो सके।
समाज के लिए सवाल
यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं है बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। आखिर क्या कारण हैं कि गुस्से और अवसाद में इंसान रिश्तों की सारी मर्यादाएँ तोड़ देता है? क्या पारिवारिक संवाद और मानसिक संतुलन की कमी ऐसे अपराधों की जड़ है? बच्चे की छोटी गलतियां सुधार का मौका हो सकती हैं, लेकिन उन्हें जीवन का अंत बनाने का नहीं। यह घटना बताती है कि परिवारों में संवाद और धैर्य की कितनी ज़रूरत है।