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उत्तराखंड से मानसून विदा, सामान्य से 22% अधिक बरसे मेघ

 

छह दिन पहले लौटा मानसून, भारी बारिश ने बढ़ाई आपदा की मार

देहरादून।
दक्षिण-पश्चिम मानसून ने उत्तराखंड से पूरी तरह विदाई ले ली है। इस बार मानसून पिछले वर्ष की तुलना में छह दिन और वर्ष 2023 की तुलना में दस दिन पहले लौट गया। पिछले वर्ष (2024) में मानसून की वापसी 2 अक्टूबर को हुई थी, जबकि 2023 में यह 6 अक्टूबर को गया था। मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक डॉ. सीएस तोमर ने बताया कि इस बार मानसून राज्य में 18 जून को प्रवेश कर गया था और 20 जून तक पूरे प्रदेश में सक्रिय हो गया था।

सामान्य से अधिक बारिश

मौसम विभाग के अनुसार, इस मानसून सीजन में उत्तराखंड में कुल 1412 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 22 प्रतिशत अधिक है। अधिक बारिश ने जहां खेतों और जलस्रोतों को संजीवनी दी, वहीं कई क्षेत्रों में यह आपदा का कारण भी बनी।

आपदाओं से भारी नुकसान

भारी वर्षा के चलते राज्य के कई हिस्सों में भूस्खलन, मकानों के क्षतिग्रस्त होने, पशु हानि और जनहानि की घटनाएं सामने आईं। धराली, नंदा नगर और देहरादून जैसे क्षेत्रों में आपदाओं ने लोगों को प्रकृति के प्रति छेड़छाड़ पर सोचने को मजबूर कर दिया है। लगातार हो रहे भूस्खलन और भू-धंसाव ने लोगों की सुरक्षा और स्थायी आवास को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

प्रकृति से छेड़छाड़ बनी खतरा

विशेषज्ञों का मानना है कि पहाड़ों में अनियंत्रित निर्माण, पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और नदियों के प्राकृतिक प्रवाह से छेड़छाड़ आपदा को और विकराल बना रही है। इस वर्ष की अतिरिक्त बारिश ने यह संकेत भी दिया है कि यदि समय रहते सतर्कता और पर्यावरणीय संतुलन के उपाय नहीं किए गए, तो आने वाले सालों में संकट और गहरा सकता है।

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