
देहरादून।
मौसम की मार, बंद रास्ते और टूटती सांसों के बीच मसूरी के एक पिता ने हौसले की मिसाल पेश की। थत्यूड़ गांव के समवीर ने अपने डेढ़ साल के बेटे देवांग को गोद में उठाकर 18 किलोमीटर पैदल दौड़ लगाई और उसे अस्पताल पहुंचाकर जिंदगी बचाई।
दरअसल, छोटा देवांग चार दिनों से निमोनिया से जूझ रहा था। शुरुआत में उसे बुखार आया, जिसके बाद परिजनों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराया। लेकिन हालत बिगड़ने पर उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। आपदा के चलते सड़कें बंद थीं और बाहर ले जाना संभव नहीं था। प्रशासन ने गंभीर मरीजों को देहरादून लाने के लिए हेलिकॉप्टर भेजा, मगर खराब मौसम ने उड़ान की उम्मीद भी छीन ली।
ऐसे हालात में पिता ने हार नहीं मानी। उन्होंने मासूम को गोद में उठाया और पहाड़ी रास्तों पर बिना रुके 18 किलोमीटर लगातार चलते रहे। आखिरकार वे अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने बच्चे का उपचार शुरू किया।
यह घटना न सिर्फ एक पिता के अदम्य साहस की कहानी है, बल्कि आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य सुविधाओं की खामियों पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है। मुश्किल हालात में भी बेटे की सांसों को थामे रखने का समवीर का हौसला हर किसी के लिए प्रेरणा है।