पितृ दोष से मुक्ति चाहिए? तो सर्वपितृ अमावस्या पर राशि अनुसार करें दान
जानिए किस राशि के जातक को क्या दान करना चाहिए

पितृ दोष से जूझ रहे लोगों के लिए महालय अमावस्या का दिन है विशेष
पितृदोष एक अदृश्य बाधा है। यह बाधा पितरों के रुष्ट होने के कारण होती है। पितरों के रुष्ट होने के बहुत से कारण हो सकते हैं, जैसे आपके आचरण से, किसी परिजन द्वारा की गई गलती से, श्राद्ध आदि कर्म न करने से, अंत्येष्टि कर्म आदि में हुई किसी त्रुटि के कारण भी हो सकता है।
पितृ दोष और उसका असर
ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष को जीवन की कई समस्याओं की जड़ माना गया है। सनातन धर्म के विद्वानों का कहना है कि जब पूर्वजों की आत्मा असंतुष्ट होती है या उनके श्राद्ध-तर्पण का विधिपूर्वक पालन नहीं होता, तब पितृ दोष लगता है। अगर कोई व्यक्ति जाने-अनजाने में पितरों का अपमान करता है तो उसे पितृ दोष का सामना करना पड़ता है। वहीं जिस घर में माता-पिता का अपमान किया जाता है वहां भी पितृ दोष लगता है। इसके कारण व्यक्ति को बार-बार असफलता, आर्थिक संकट, संतान सुख में बाधा, स्वास्थ्य संबंधी परेशानी और पारिवारिक कलह का सामना करना पड़ता है।
पितृ दोष का असर कम करने के कई उपाय हैं, जिनमें काले तिल का इस्तेमाल खास माना गया है। इसलिए, पितृ पक्ष और अमावस्या जैसे अवसरों पर काले तिल का तर्पण करना आपको पितृ दोष से मुक्ति दिला सकता है। पितृ पक्ष और अमावस्या के समय जब आप पितरों को तर्पण देने जाएं, तो जल में काले तिल मिलाना न भूलें। यह कर्म पितरों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है, जिससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद परिवार पर बना रहता है। काले तिल का तर्पण करने से पितृ दोष का असर कम होता है और जीवन में खुशियां आती हैं।
सर्वपितृ अमावस्या (21 सितंबर 2025, रविवार) पितृ पक्ष का अंतिम दिन है। इस दिन विशेष रूप से दान-पुण्य, तर्पण और श्राद्ध करने से पितृ दोष शांति पाते हैं और पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है। वस्त्र दान, छाता दान, घी दान, गुड़ दान , काले तिल का दान , नमक का दान, गौ दान से पितृ दोष शांत होता है।
♈ राशि अनुसार दान के उपाय
मेष राशि
गेहूं, मसूर की दाल, लाल फल और शरबत का दान करें। इससे पितृ दोष दूर होते हैं और जीवन में उत्साह और सफलता आती है।
वृषभ राशि
गरीबों को दूध, दही और पैसों का दान करें। इससे घर-परिवार में स्थिरता और आर्थिक प्रगति होती है।
मिथुन राशि
हरी सब्जियां, साबुत मूंग दाल और हरे वस्त्र दान करें। इससे संतान सुख और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।
कर्क राशि
घी, दही, दूध और सफेद अनाज का दान करें। यह उपाय घर में शांति और समृद्धि बनाए रखता है।
सिंह राशि
गुड़ और चने की दाल का दान करें। इससे पितृ दोषों से मुक्ति मिलती है और कार्य सिद्धि होती है।
कन्या राशि
चावल और सफेद मिठाई का दान करें। इससे मानसिक शांति और पितरों की कृपा मिलती है।
तुला राशि
काले तिल का दान करें। यह उपाय पितृ दोष दूर करता है और जीवन में संतुलन लाता है।
वृश्चिक राशि
काले तिल और पीले वस्त्र का दान करें। इससे पितरों की आत्मा तृप्त होती है और खुशहाली मिलती है।
धनु राशि
पीले वस्त्र और पीले फलों का दान करें। यह उपाय घर-परिवार में सुख-समृद्धि लाता है।
मकर राशि
काली उड़द दाल या काले वस्त्र का दान करें। इससे आर्थिक संकट दूर होते हैं और समृद्धि आती है।
कुंभ राशि
ब्राह्मण को भोजन कराएं और गरीबों को पैसों का दान करें। इससे पितृ शांति और परिवार में सुख-समृद्धि मिलती है।
मीन राशि
मिठाई और फलों का दान करें। यह उपाय जीवन में शांति और पितरों की कृपा दिलाता है।
सूर्य पिता है अत: ताम्बे के लोटे में जल भरकर उसमें लाल फूल, लाल चंदन का चूरा, रोली आदि डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य देकर 11 बार ‘ॐ घृणि सूर्याय नम:’ मंत्र का जाप करने से पितरों की प्रसन्नता एवं उनकी ऊर्ध्व गति होती है।
पितृदोष से पीड़ित व्यक्ति को किसी भी एक अमावस्या से लेकर दूसरी अमावस्या तक अर्थात 1 माह तक किसी पीपल के वृक्ष के नीचे सूर्योदय काल में शुद्ध घी का 1 दीपक लगाना चाहिए और ये क्रम टूटना नहीं चाहिए।
विशेष उपाय : पितृदोष की शांति हेतु यह उपाय बहुत ही अनुभूत और अचूक फल देने वाला देखा गया है। वह यह कि किसी गरीब की कन्या के विवाह में गुप्त रूप से अथवा प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक सहयोग करना। (लेकिन यह सहयोग पूरे दिल से होना चाहिए, केवल दिखावे या अपनी बढ़ाई कराने के लिए नहीं)। इससे पितर अत्यंत प्रसन्न होते हैं, क्योंकि इसके परिणामस्वरूप मिलने वाले पुण्य फल से पितरों को बल और तेज मिलता है जिससे वे ऊर्ध्व लोकों की ओर गति करते हुए पुण्य लोकों को प्राप्त होते हैं।
जो लोग लंबे समय से पितृ दोष के कारण परेशान हैं, उनके लिए सर्वपितृ अमावस्या का दिन सर्वोत्तम अवसर है। अपनी राशि के अनुसार सही दान करके पूर्वजों को प्रसन्न करें और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि पाएं।