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उत्तराखंड के किसानों को वन विभाग ने दी बड़ी सौगात

नीलगाय और जंगली सूअर के सशर्त शिकार की अनुमति

देहरादून। लंबे समय से जंगली सूअर और नीलगाय के हमलों से फसलें बर्बाद होने से परेशान उत्तराखंड के किसानों को अब बड़ी राहत मिली है। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों की लगातार मांग के बाद वन विभाग ने दोनों वन्यजीवों के सशर्त शिकार की अनुमति देने की प्रक्रिया औपचारिक रूप से लागू कर दी है।

मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक रंजन कुमार मिश्रा की ओर से जारी आदेश के अनुसार, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 (संशोधित 2022) की अनुसूची-दो में शामिल कोई भी प्राणी, जो मानव जीवन या संपत्ति (जिसमें खड़ी फसल भी शामिल है) के लिए खतरनाक हो, उसका शिकार अनुमति लेकर किया जा सकता है। इस सूची में नीलगाय क्रम संख्या 1 और जंगली सूअर क्रम संख्या 23 पर दर्ज हैं।

अब क्षेत्रीय वन संरक्षक से लेकर वन दारोगा तक अधिकृत अधिकारी, लिखित आदेश और कारण दर्शाते हुए शिकार की अनुमति दे सकेंगे। शिकार केवल निजी कृषि भूमि पर होगा और घायल जानवर का पीछा वन क्षेत्र में नहीं किया जाएगा। मारे गए जानवर को वन रक्षक और स्थानीय जनप्रतिनिधि की मौजूदगी में नष्ट किया जाएगा।

अनुमति के लिए निर्धारित प्रारूप में आवेदन, ग्राम प्रधान की संस्तुति के साथ जमा करना होगा। शिकार केवल लाइसेंसी बंदूक या राइफल से होगा और अनुमति एक माह तक मान्य रहेगी। सभी प्रावधानों का पालन अनिवार्य होगा। यह फैसला राज्य के किसानों के लिए लंबे संघर्ष के बाद बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।

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