
मंकी लैडर बनेगा वन्यजीवों की सुरक्षा की मिसाल
देहरादून।
एशिया के सबसे लंबे वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर से गुजरने वाले देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे पर अब वाहन जहां ऊपर से फर्राटा भरेंगे, वहीं नीचे वन्यजीव सुरक्षित विचरण कर सकेंगे। इसी क्रम में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने सड़क हादसों से बचाव के लिए एक अनोखी पहल की है। यहां उत्तर प्रदेश का पहला मंकी लैडर तैयार किया जा रहा है।
यह खास लैडर बंदरों के लिए बनाया जा रहा है, ताकि वे सड़क पार करने के दौरान वाहनों की चपेट में न आएं। अधिकारियों के अनुसार, यह लैडर पेड़ों से जोड़ा जाएगा, जिससे बंदर आसानी से एक ओर से दूसरी ओर जा सकेंगे और उन्हें सड़क पर उतरने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
पर्यावरण और सुरक्षा का संतुलन
इस पहल से न केवल सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी, बल्कि जैव विविधता की भी रक्षा होगी। रोजाना हजारों वाहन एक्सप्रेसवे से गुजरेंगे। ऐसे में वन्यजीवों के लिए सुरक्षित आवागमन का इंतजाम किया जाना मानव और पर्यावरणीय संतुलन की दिशा में अहम कदम है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रयोग न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए मिसाल साबित हो सकता है।