
खुफिया तंत्र के कान खड़े, पुलिस ने वीडियो की जांच शुरू की
देहरादून।
यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक होने के विरोध में परेड ग्राउंड के बाहर बेरोजगार युवाओं का धरना-प्रदर्शन लगातार उग्र होता जा रहा है। गत देर रात धरनास्थल का माहौल उस समय अचानक बदल गया जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने ‘हमें चाहिए आजादी’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। इस दौरान नेपाल बनाने और भगवा चोला पहनाने के विरोध में भी नारेबाजी की गई।
धरना स्थल पर कांग्रेस और वामपंथी दलों के कुछ नेताओं के पहुंचने से प्रदर्शन को राजनीतिक रंग मिलने लगा है। वहीं, खुफिया एजेंसियों ने इसे गंभीरता से लेते हुए गृह विभाग को रिपोर्ट भेजी है।
इंटरनेट पर प्रसारित एक वीडियो में टिहरी से हाल ही में निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य चुनी गई पुष्पा रावत को ‘हमें चाहिए आजादी’ के नारे लगाते हुए देखा गया है। बेरोजगार युवाओं ने भी उनके नारों का समर्थन किया। इससे वर्ष 2019 में जेएनयू में हुए विवादित घटनाक्रम की याद ताजा हो गई।
धरना-प्रदर्शनकारी परीक्षा निरस्त करने और प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग पर अड़े हुए हैं। गुरुवार को भी उनका धरना जारी रहा।
पुलिस-प्रशासन की प्रतिक्रिया
गृह सचिव शैलेश बगोली ने कहा, “पुलिस को वीडियो उपलब्ध कराए गए हैं, जिनका वैधानिक परीक्षण किया जा रहा है। मामले में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।”
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया, “वीडियो संज्ञान में आया है। हालांकि उसमें स्पष्ट नहीं है कि प्रदर्शनकारी किस तरह की आजादी की मांग कर रहे हैं। परीक्षण जारी है।