
रुद्रप्रयाग देश का सबसे संवेदनशील भूस्खलन -भू-धंसाव वाला क्षेत्र
आईएसआरओ की रिपोर्ट में फिर पहले स्थान पर, टिहरी दूसरे और केरल का त्रिशूर तीसरे पर
देहरादून। देशभर में भू-धंसाव (लैंडस्लाइड) से सबसे अधिक प्रभावित जिला एक बार फिर उत्तराखंड का रुद्रप्रयाग रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की ताजा “लैंडस्लाइड एटलस ऑफ इंडिया 2023” रिपोर्ट के अनुसार, रुद्रप्रयाग ने लगातार दूसरे वर्ष भी पहला स्थान बनाए रखा है। रिपोर्ट में टिहरी को दूसरा और केरल के त्रिशूर जिले को तीसरा स्थान दिया गया है।
रिपोर्ट में रुद्रप्रयाग को अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है। जिले में 51 डेंजर जोन मौजूद हैं, जहां बार-बार भू-धंसाव की घटनाएं हो रही हैं। इनमें से कई क्षेत्रों में फिलहाल अस्थायी उपचार कार्य जारी है। जवाड़ी बाईपास के तीन प्रमुख हिस्सों पर गहरा भू-धंसाव दर्ज किया गया है, जबकि इस साल 13 नए प्रभावित जोन सामने आए हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण विभाग (लोनिवि) के अधिशासी अभियंता ओंकार पांडेय ने बताया कि भूगर्भीय विशेषज्ञों की चेतावनी लगातार सही साबित हो रही है। जिले में आए दिन आपदाएं हो रही हैं, जिनसे बड़ी जनहानि भी दर्ज हुई है। यही कारण है कि रुद्रप्रयाग देश का सबसे संवेदनशील और खतरे वाला क्षेत्र बन चुका है।
गढवाल विवि के भूवैज्ञानिक डॉ. एसपी सती का कहना है कि हिमालय की लंबी दरारें और मंदाकिनी घाटी में तिब्बत की ओर बढ़ते दबाव के चलते भूस्खलन तेजी से बढ़ा है। उन्होंने चेतावनी दी कि बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य स्थिति को और गंभीर बना सकते हैं।
विशेषज्ञों ने सरकार और स्थानीय प्रशासन से आग्रह किया है कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के कड़े कदम तत्काल उठाए जाएं, ताकि भविष्य की त्रासदियों से लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।