भव्य–दिव्य कुंभ का खाका तैयार, घाट से लेकर पार्किंग तक दिखेगा नया स्वरूप
मुख्य सचिव को 15 दिन में समीक्षा करने के निर्देश

हरिद्वार कुंभ 2027 की तैयारियों पर सीएम धामी सख्त
देहरादून, 3 सितंबर : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में हरिद्वार कुंभ मेला 2027 की तैयारियों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि मेला क्षेत्र में स्थायी प्रकृति के सभी कार्य अक्टूबर 2026 तक पूर्ण कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि “भव्य और दिव्य कुंभ” का आयोजन राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मास्टर प्लान के अनुरूप सभी सेक्टर, मार्ग, पार्किंग, घाट और कैंप स्थल चिन्हित कर आवश्यक भूमि अधिग्रहण व अस्थायी उपयोग सुनिश्चित किया जाए। भीड़ का दबाव कम करने के लिए नए घाटों का निर्माण, कांगड़ा घाट का विस्तार और मौजूदा घाटों की मरम्मत समय से पूरी करने के निर्देश दिए गए।
सीएम ने जोर दिया कि सरकारी भूमि और सड़कों पर से अतिक्रमण सख्ती से हटाया जाए। यूआईआईडीबी द्वारा गंगा कॉरिडोर में किए जा रहे कार्यों को कुंभ से पहले पूरा करने के आदेश भी दिए गए। बहादराबाद-श्यामपुर बाईपास के साथ श्यामपुर, गैंडीखाता और चंडीघाट क्षेत्रों में विशेष टेंट की व्यवस्था की जाएगी।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ट्रैफिक डायवर्जन योजना, शटल सेवा, मजबूत पार्किंग सिस्टम और आंतरिक मार्गों का नवीनीकरण किया जाएगा। मंसा देवी और चंडी देवी पैदल मार्ग के सुदृढ़ीकरण का कार्य समय से पूरा करने पर भी बल दिया गया।
मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि कुंभ क्षेत्र में जीरो वेस्ट कॉन्सेप्ट लागू हो। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, रीसाइक्लिंग सिस्टम, मोबाइल व पिंक टॉयलेट, चेंजिंग रूम और 24 घंटे सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। हरकी पैड़ी में आरती और श्रद्धालुओं के बैठने की समुचित व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक घाट पर लाइफगार्ड, सुरक्षा रस्सी और मोटरबोट की व्यवस्था हो। भीड़ प्रबंधन, यातायात नियंत्रण और पार्किंग स्थलों पर सभी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने जोर दिया कि श्रद्धालुओं को उत्तराखंड से सकारात्मक अनुभव मिले, इसके लिए कार्मिकों को अभी से प्रशिक्षण दिया जाए।
स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में मेला क्षेत्र में अस्थायी अस्पताल, एम्बुलेंस व मोबाइल चिकित्सा दल की व्यवस्था के निर्देश दिए गए। साथ ही आईटी और डिजिटल सेवाओं का अधिकतम उपयोग करते हुए मोबाइल ऐप, हेल्पलाइन और सूचना केंद्र स्थापित करने को कहा गया।
बैठक के अंत में मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को आदेश दिया कि कुंभ मेला तैयारियों की समीक्षा हर 15 दिन में अनिवार्य रूप से की जाए।