
देहरादून। भारत सरकार एवं यूजीसी के निर्देशानुसार 12 अगस्त को देशभर में मनाए जाने वाले “एंटी-रैगिंग दिवस” के तहत उत्तरांचल यूनिवर्सिटी में जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान छात्र-छात्राओं को रैगिंग विरोधी नियमों और उनके उल्लंघन पर होने वाली कानूनी कार्यवाही के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में लॉ कॉलेज देहरादून के प्रोफेसर अनिल कुमार दीक्षित ने कहा कि रैगिंग किसी भी छात्र को मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का कार्य है, जिसे रोकने के लिए सख्त नियम और दंड का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि इन नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना, निलंबन या निष्कासन जैसी कठोर सजाएं दी जा सकती हैं। प्रो. दीक्षित ने कहा कि विश्वविद्यालय की प्रथम वरीयता ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाकर कैंपस को रैगिंग मुक्त बनाना है, ताकि छात्रों का समग्र विकास हो सके।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रोफेसर राधेश्याम झा ने कहा, “नशा जीवन में अंधेरा लाता है, इसलिए ‘नशे से दूरी, ना कोई मजबूरी’, तभी आपके सपनों की उड़ान पूरी हो सकती है।”
सेमिनार में प्रो. वी. भुवनेश्वरी, डॉ. निकुंज यादव, संजय सिंह सहित विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी ने रैगिंग मुक्त कैंपस और नशामुक्त जीवन का संकल्प लिया।