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गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक बनेगा 12.4 किलोमीटर लंबा रोपवे

2700 करोड़ से अधिक लागत, राज्य सरकार और एनएचएलएमएल के बीच हुआ समझौता

तीर्थयात्रा होगी और अधिक सुरक्षित व सुगम

देहरादून: उत्तराखंड में तीर्थयात्रा को और अधिक सुरक्षित व सुगम बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मंगलवार को देहरादून सचिवालय में उत्तराखंड सरकार और नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के बीच समझौता हुआ। इस समझौते के तहत गोविंदघाट से श्री हेमकुंड साहिब तक 12.4 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर 2700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी।

गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और पर्वतमाला परियोजना के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने इस पवित्र स्थल तक पहुंचने का मार्ग सरल और सुलभ बना दिया है। यह रोपवे परियोजना लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक अनमोल उपहार होगी, जो कठिन पहाड़ी परिस्थितियों में यात्रा करते हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व और प्रयासों को इस परियोजना का श्रेय देते हुए ट्रस्ट ने कहा कि यह कदम न केवल तीर्थयात्रा को सरल बनाएगा, बल्कि श्री हेमकुंड साहिब की आध्यात्मिक गरिमा और पवित्रता को भी आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित करेगा।

समझौते के अनुसार इस परियोजना में एनएचएलएमएल की 51 प्रतिशत और राज्य सरकार की 49 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी होगी। यह रोपवे उत्तराखंड की आध्यात्मिक धरोहर को और सशक्त बनाने का एक अनुकरणीय उदाहरण माना जा रहा है।

ट्रस्ट ने भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में न केवल श्री हेमकुंड साहिब बल्कि अन्य पवित्र तीर्थस्थल भी श्रद्धालुओं के लिए और अधिक सुलभ व सुरक्षित बनते रहेंगे।

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