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सहपाठी ने घोंपा छात्र की आंख में पेन, परिजनों का हंगामा

स्कूल प्रबंधन के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करने की मांग

खटीमा (उधमसिंह नगर) :  खटीमा के एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल में मंगलवार को एक मासूम छात्र की आंख में सहपाठी ने पेन घोंप दिया। गंभीर रूप से घायल छात्र को आनन-फानन में स्थानीय डॉक्टर के पास ले जाया गया, जहां से उसे बड़े अस्पताल रेफर कर दिया गया। इस बीच परिजनों को समय पर सूचना न मिलने और इलाज में लापरवाही के आरोपों ने मामले को तूल दे दिया। घटना की जानकारी मिलते ही परिजन आक्रोशित हो उठे और बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ कोतवाली पहुंचकर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करने की मांग करने लगे।

जानकारी के मुताबिक, कक्षा में बच्चों के बीच हुए आपसी विवाद के दौरान सहपाठी ने छात्र मिहीर राणा की आंख में पेन घोंप दिया। घटना के बाद छात्र दर्द से तड़प उठा, लेकिन परिजनों का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने तत्काल न तो उन्हें सूचना दी और न ही बच्चे को सही ढंग से अस्पताल पहुंचाया। उल्टे उसे इधर-उधर भटकाते रहे।

छात्र की मां ममता देवी ने आरोप लगाया कि जब स्थानीय डॉक्टरों ने इलाज से हाथ खड़े कर दिए और बड़े अस्पताल ले जाने की बात कही, तभी जाकर परिवार को सूचना दी गई। आरोप है कि इलाज के दौरान स्कूल प्रबंधन ने बीच रास्ते में ही उन्हें छोड़ दिया और उनके साथ अभद्र व्यवहार भी किया। ममता देवी ने कहा कि कई बार गुहार लगाने के बावजूद बच्चे का समुचित इलाज नहीं कराया गया।

दूसरी ओर, स्कूल प्रबंधन ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि छात्र का इलाज एम्स समेत बड़े अस्पतालों में कराया गया और हर संभव मदद की गई है।

थाने में हंगामा और वार्ता

घटना की जानकारी मिलते ही परिजन व समर्थक कोतवाली पहुंचे और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जमकर हंगामा किया। इस दौरान बाजार चौकी इंचार्ज पंकज महर और एसआई पंकज पंत की मौजूदगी में दोनों पक्षों के बीच घंटों वार्ता चली।

परिजनों ने लिखित समझौते की शर्त रखते हुए कहा कि छात्र का पूरा इलाज कराया जाए, जरूरत पड़ने पर आंख का प्रत्यारोपण हो,  इलाज का पूरा खर्च स्कूल उठाए, साथ ही छात्र की आगे की पढ़ाई का खर्च भी स्कूल प्रबंधन वहन करे।

राणा थारू परिषद के अध्यक्ष दान सिंह राणा ने चेतावनी दी कि यदि स्कूल प्रशासन ने उचित कदम नहीं उठाया तो वे मजबूरन एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराएंगे। उन्होंने कहा कि यह मामला एक बच्चे के जीवन से जुड़ा है, इसे किसी भी हालत में हल्के में नहीं लिया जा सकता।

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