
जांच में 10वीं की मार्कशीट निकली फर्जी, अब लटकी गिरफ्तारी की तलवार
देहरादून। सिंचाई विभाग की प्रशासनिक अधिकारी अंशुल गोयल मुश्किल में हैं। विभागीय जांच में उनके शैक्षणिक प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए, जिसके बाद अब उनके खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
मामला उत्तरकाशी सिंचाई विभाग से जुड़ा है। फिलहाल अंशुल गोयल उत्तराखंड जल संसाधन प्रबंधन एवं नियामक आयोग, देहरादून में सम्बद्ध हैं। विनीत अग्रवाल नाम के व्यक्ति की शिकायत पर गठित जांच समिति ने पाया कि उनके हाईस्कूल वर्ष 2001 की अंकतालिका और प्रमाण पत्र में दर्ज रोल नंबर शिक्षा परिषद रामनगर और राजकीय इंटर कॉलेज पटेलनगर देहरादून में दर्ज ही नहीं है।
मुख्य अभियन्ता से लेकर अधीक्षण अभियन्ता तक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता से राय ली। विधिक परामर्श में स्पष्ट हुआ कि अंशुल गोयल के दस्तावेज कूटरचित हैं और उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में एफआईआर दर्ज होना न्यायोचित है। मामले में सहायक अभियन्ता इन्दर सिंह ने गढ़ीकैंट थाने को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है।
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाए जाने के बाद अंशुल गोयल अपने पद पर बनी रहने की अधिकारी नहीं हैं और वेतन भुगतान भी विधिक रूप से उचित नहीं है।