जैसे बांधने के नियम, वैसे ही राखी उतारने की भी परंपरा
रक्षाबंधन 2025: राखी उतारने के नियम, शुभ तिथियां और सही विधि

सावन की पूर्णिमा पर बांधी गई राखी सिर्फ भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक ही नहीं, बल्कि सुरक्षा और शुभता का वचन भी होती है। ज्योतिष मान्यताओं में कहा गया है कि जैसे राखी बांधने का सही समय और विधि होती है, वैसे ही इसे उतारने के भी कुछ खास नियम हैं। समय से पहले या बहुत देर से उतारने पर इसके शुभ प्रभाव कम हो सकते हैं।
राखी केवल एक धागा नहीं, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते में बंधा एक वचन है, जो पूरे साल सुरक्षा, प्रेम और आशीर्वाद का प्रतीक बना रहता है। लेकिन, राखी बांधने के कुछ दिनों बाद एक सवाल अक्सर मन में आता है – “कलाई पर बंधी राखी को आखिर कब उतारना चाहिए?” क्या इसका कोई निश्चित नियम है या इसे अपनी इच्छानुसार कभी भी उतारा जा सकता है? आइए, इस पारंपरिक दुविधा को समझते हैं। जैसे इसे बांधने के समय शुभ मुहूर्त का ध्यान रखा जाता है, वैसे ही इसे उतारने के भी अपने खास नियम और परंपराएं हैं। सही समय और विधि में राखी उतारने से सौभाग्य और संबंधों में मिठास बनी रहती है। आइए जानते हैं इस वर्ष राखी उतारने की शुभ तिथि, समय और विधि।
कब और कितने दिन बाद उतारें
मान्यता है कि राखी बांधने के बाद कम से कम सात दिन तक इसे कलाई पर रखना चाहिए। तुरंत उतारना शुभ नहीं माना जाता। वहीं, कई महीने तक बांधे रखना भी उचित नहीं है, क्योंकि इससे राखी अशुद्ध हो सकती है और नकारात्मक असर पड़ सकता है।
राखी उतारने की शुभ तिथियां
- भाद्रपद मास की पूर्णिमा (इस साल सितंबर में)
- गणेश चतुर्थी
- कृष्ण जन्माष्टमी (अगर एक हफ्ते बाद उतारना चाहें )
राखी को सम्मानपूर्वक उतारें और बहते जल में प्रवाहित करें, मंदिर में चढ़ाएं या पीपल के पेड़ के नीचे रखें। इसे कभी भी कूड़े में न फेंकें। उतारते समय भगवान से सुख, समृद्धि और सुरक्षा का आशीर्वाद लें। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि राखी उतारने की सही परंपरा का पालन करने से भाई-बहन के रिश्ते में सकारात्मकता बनी रहती है और पूरे साल शुभ फल प्राप्त होते हैं।