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धराली में बादल फटने से तबाही, 70 लोग लापता – CM धामी ने दिए युद्ध स्तर पर राहत-बचाव के निर्देश

आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी शैक्षणिक व अन्य संस्थान बंद रखने के निर्देश

मंगलवार देर रात तक रेस्क्यू कर बचाए गए 130 लोग

उत्तरकाशी, 6 अगस्त: उत्तरकाशी जिले की हर्षिल घाटी स्थित धराली क्षेत्र में मंगलवार दोपहर लगभग 1:45 बजे बादल फटने से खीर गाड़ नदी में अचानक उफान आया। भारी मलबे के कारण बाजार क्षेत्र में कई मकान, होटल, होमस्टे और दुकानें बह गईं। अभी तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। प्रशासन के अनुसार लगभग 60 लोग लापता हैं, जिनमें कई पर्यटक भी शामिल हो सकते हैं। सेना के दस जवान भी लापता बताए जा रहे हैं। पानी का बहाव इतना तेज था कि बड़े-बड़े पत्थर और मलबा बाजार क्षेत्र में घुस आया। कई घरों की छतें ढह गईं और लोग सदमे में हैं। प्राचीन कल्पकेदार मंदिर भी बाढ़ में तबाह हो गया। हर्षल घाटी में मंगलवार को एक नहीं तीन जगह बादल फटे। मंगलवार  देर रात तक एसडीआरएफ आइटीबीपी तथा अन्य राहत एजेंसियों ने मिलकर लगभग 130 से अधिक लोगों का रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सूचना मिलते ही आंध्रप्रदेश दौरे को बीच में ही छोड़कर देहरादून लौटे। देर शाम आईटी  पार्क स्थित परिचालन केंद्र पहुंचे और उन्होंने सभी संबंधित विभागों को तत्काल सहायता पहुंचाने और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी रखने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को एयरलिफ्ट करवाने तथा तत्काल भोजन, दवाइयां तथा कपड़े आदि भेजने के लिए वायु सेना के MI 17 का सहयोग लेने के निर्देश दिए हैं | मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जो लोग बेघर हो गए हैं उनके रहने के लिए अच्छी वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। यदि होटल आदि अधिग्रहित करना पड़े तो उसको तुरंत कर लिया जाए | मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आपदा से प्रभावित लोगों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े इसका विशेष ध्यान रखा जाए। तत्काल आसपास के क्षेत्र में स्थित होटल तथा स्कूलों में राहत शिविरों की व्यवस्था की जाए। लोगों के लिए खाने-पीने की समुचित व्यवस्था की जाए। बिस्तर कंबल तथा कपड़ों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। खाने के पैकेट एयरड्राप किए जाएं। हर्षल में राहत शिविर बनाए गए हैं। देर रात तक प्रभावितों को शिविरों में पहुंचाया गया।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षा विभाग तथा जिलाधिकारी को प्रभावित क्षेत्र में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी शैक्षणिक तथा अन्य संस्थान बंद करने के निर्देश दिए हैं | उन्होंने यूपीसीएल के एमडी को जल्द विद्युत आपूर्ति बदल करने के भी निर्देश दिए।

केंद्र  व वायुसेना से मांगे दो एमआई , एक की चिनूक

सरकार ने भारतीय वायुसेना से दो हेलीकॉप्टर और एक चिनूक हेलीकॉप्टर की मांग की है; साथ ही युकाडा के दो हेलीकॉप्टर भी राहत अभियान के लिए तैयार रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सेना जिसमें NDRF, SDRF और आपदा प्रबंधन विभाग युद्ध स्तर पर कोशिश कर रहा है। हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है कि सभी को बचाया जाए। हालांकि लगातार हो रही बारिश व भूस्खलन के कारण मुश्किल आ रही है। मौसम विभाग ने बुधवार को भी भारी बारिश की चेतावनी दी है।

धराली की ओर जाने वाले मार्ग भूस्खलन व मलबे के कारण बंद हो गए हैं। लोक निर्माण विभाग (BRO) की मशीनरी से रास्ते खोलने का कार्य चल रहा है। प्रदेश आपदा प्रतिवादन बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), ITBP, पुलिस, अग्निशमन दल और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत कार्यों में सक्रिय हैं। SDRF ने घटनास्थल पर थर्मल इमेजिंग कैमरा, विक्टिम लोकेशन डिवाइस, ड्रोन, डायमंड चेन शॉ, कर्बाइड टिप्ड चेन शॉ, चिपिंग हैमर, लाइट, मेडिकल किट समेत अनेक आवश्यक संसाधन भेजे हैं।

राहत दलों में ITBP के लगभग 30 जवान, NDRF के दिल्ली से 50 और देहरादून से 15, SDRF के गंगोत्री से 30 और देहरादून से 45 जवानों को मौके के लिए रवाना किया गया है। इन टीमों को स्थानीय अस्पतालों से संपर्क स्थापित किया गया है, तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (5 किमी दूर), जिला अस्पताल (88 किमी) और एम्स ऋषिकेश (246 किमी) में अतिरिक्त बेड और एम्बुलेंस तैनात की गई हैं।

अस्पतालों में बेड आरक्षित, कर्मचारियों व अधिकारियों के अवकाश पर रोक

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने आपदा की गंभीरता को देखते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम तत्काल धराली क्षेत्र के लिए रवाना करने के निर्देश दिए हैं। इस टीम में सर्जन, निश्चेतक, फिजीशियन और आर्थोपेडिक सर्जन शामिल हैं। टीम का संचालन गढ़वाल मंडल के निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को सौंपा गया है, जिन्हें इस आपदा में नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने आपदा प्रबंधन के तहत राज्य के सभी प्रमुख चिकित्सालयों को निर्देश दिए गए हैं कि गंभीर रूप से घायल मरीजों के इलाज के लिए बेड आरक्षित रखें। साथ ही, सभी चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों के अवकाश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है, जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती। यह सुनिश्चित किया गया है कि अस्पतालों में दवाओं, सर्जिकल सामग्री और चिकित्सा उपकरणों की कोई कमी न रहे।

प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने जताया दुख

धराली गांव में बादल फटने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गहरा दुःख प्रकट किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर घटना की विस्तृत जानकारी प्राप्त की तथा राज्य सरकार को हर संभव केंद्रीय सहायता का आश्वासन दिया। गृह मंत्री ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एन.डी.आर.एफ एवं अन्य राहत एजेंसियों को तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

राज्य नियंत्रण कक्ष से  DGP दीपम सेठ, गृह सचिव शैलेश बगौली, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे,  IG SDRF अरुण मोहन जोशी राहत‑बचाव कार्य की निगरानी कर रहे हैं।

इस बीच मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में जोखिम अधिक बना हुआ है। शासन ने सभी संवेदनशील जिलों को अधिक सतर्क रहने और स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने के निर्देश दिए हैं।

बीकेटीसी ने यात्रियों के लिए  निःशुल्क खोले विश्रामगृह और धर्मशाला

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय त्रिवेदी ने अतिवृष्टि को लेकर तीर्थयात्रियों से सतर्कता बरतने की अपील की है। समिति ने घोषणा की है कि चारधाम यात्रा मार्ग पर स्थित सभी धर्मशालाएं और विश्रामगृह तीर्थयात्रियों के लिए निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। यह सुविधा तत्काल प्रभाव से लागू की गई है। आपदा की स्थिति में तीर्थयात्रियों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा।

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