सेवारत शिक्षकों के लिए सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दो साल में पास करना होगा TET

सेवारत शिक्षकों के लिए सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब दो साल में पास करना होगा TET
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सेवारत शिक्षकों पर एक अहम फैसला सुनाते हुए साफ किया कि अब नौकरी में बने रहने और प्रमोशन पाने के लिए टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) पास करना अनिवार्य होगा। कोर्ट ने शिक्षकों को इस परीक्षा को पास करने के लिए दो साल का समय दिया है। यदि कोई शिक्षक इस अवधि में परीक्षा पास करने में असफल रहता है, तो उसे नौकरी से इस्तीफा देना होगा।
हालांकि कोर्ट ने शिक्षकों को राहत भी दी है। आर्टिकल 142 के तहत उन शिक्षकों को छूट दी गई है, जिनकी सेवानिवृत्ति में पांच साल से कम का समय बचा है। ऐसे शिक्षक बिना TET पास किए सेवा में बने रह सकते हैं, लेकिन उन्हें प्रमोशन का लाभ नहीं मिलेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि RTE एक्ट के तहत TET की शर्त फिलहाल अल्पसंख्यक संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों पर लागू नहीं होगी। इस पर आगे बड़ी बेंच फैसला करेगी।
गौरतलब है कि टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) शिक्षकों की नियुक्ति और योग्यता तय करने के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षा है। यह दो स्तरों पर होती है—प्राथमिक (कक्षा 1 से 5) और उच्च प्राथमिक (कक्षा 6 से 8)। केंद्र स्तर पर इसका आयोजन सीटेट (CTET) और राज्य स्तर पर अलग-अलग राज्यों द्वारा किया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अब देशभर के लाखों शिक्षकों को अपनी नौकरी और प्रमोशन बचाने के लिए TET पास करना होगा।