पेपर लीक प्रकरण पर बेरोजगारों का सचिवालय कूच
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की

देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की परीक्षाओं के पेपर लीक प्रकरण पर सोमवार को राजधानी देहरादून में सैकड़ों बेरोजगार युवा सड़कों पर उतर आए। परेड ग्राउंड में एकत्र होकर बेरोजगारों ने जोरदार नारेबाजी की और पेपर लीक की सीबीआई जांच कराने के साथ-साथ हाल ही में संपन्न हुई परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की। अपनी मांगों को लेकर बेरोजगार देर रात तक परेड ग्राउंड में ही डटे रहे।
बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल और उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार के नेतृत्व में युवाओं ने परेड मैदान से सचिवालय कूच किया। लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोक दिया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की व नोकझोंक भी हुई। कई युवा बैरिकेडिंग पर चढ़ गए और वहीं धरने पर बैठ गए।
सभा को संबोधित करते हुए बॉबी पंवार ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पेपर लीक प्रकरण की सीबीआई जांच नहीं कराई, तो प्रदेशव्यापी उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग और सरकार बेरोजगार युवाओं के साथ छल कर रहे हैं तथा अधिकारियों की संलिप्तता की भी जांच होनी चाहिए। पंवार ने यह भी कहा कि नकल विरोधी कानून पूरी तरह से विफल साबित हुआ है और नकल माफियाओं को संरक्षण मिल रहा है।
राम कंडवाल ने दावा किया कि संघ की टीम एक माह से नकल माफिया हाकम सिंह और पंकज गौड़ की गतिविधियों की जानकारी आयोग को देती रही, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। सुरेश सिंह ने कहा कि पहले भी पेपर लीक के सबूत एसटीएफ और आयोग को सौंपे गए थे, मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि नकल माफिया 15 लाख रुपये में नौकरियां बेच रहे थे और बेरोजगारों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे थे।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार युवाओं की आवाज दबाने के लिए धारा 163 लागू कर रही है, जबकि प्रदेश में अब जनता की धारा लागू होगी। बेरोजगार संघ और उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के साथ मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति, गौरव सैनानी पूर्व सैनिक संगठन सहित कई संगठनों ने आंदोलन को समर्थन दिया।
अंत में प्रदर्शनकारियों ने प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा।