उत्तराखंड

नैनीताल के जिपं अध्यक्ष चुनाव मामले में हाईकोर्ट में हुई सुनवाई 

मामले में आज फिर होगी सुनवाई

नैनीताल, 26 अगस्त :  जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में मतपत्र से छेड़छाड़ के आरोप को लेकर दाखिल याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन मुखर्जी एवं न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिए कि वह अपने द्वारा जारी की गई निष्पक्ष चुनाव संबंधी दिशा-निर्देश पुस्तिका बुधवार (आज) अदालत में पेश करे।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामथ ने याचिकाकर्ता की ओर से पक्ष रखते हुए कहा कि उच्च न्यायालय ने पहले भी विपुल जैन व एक अन्य मामले में स्पष्ट किया था कि राज्य चुनाव आयोग ही निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करेगा और यदि किसी प्रत्याशी को आपत्ति है तो वह आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कर सकता है। इसके बावजूद जिलाधिकारी ने स्वयं निर्णय लिया, जो नियमों के विपरीत है। अधिवक्ता ने कहा कि रीपोलिंग कराने का अधिकार जिलाधिकारी को नहीं बल्कि केवल राज्य चुनाव आयोग को है। बावजूद इसके जिलाधिकारी ने पहले कोर्ट में रीपोलिंग की बात कही और फिर रात में मतगणना पूरी कर परिणाम घोषित कर दिया।

कोर्ट ने इस पर गंभीर रुख अपनाते हुए कहा कि चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को अदालत में प्रस्तुत किया जाए। वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट से आग्रह किया कि चूंकि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए गए हैं, इसलिए मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में ही की जानी चाहिए।

गौरतलब है कि जिला पंचायत सदस्य पूनम बिष्ट ने याचिका दायर कर पुनर्मतदान की मांग की है। उनका आरोप है कि एक मतपत्र के क्रमांक 1 पर ओवरराइटिंग कर उसे क्रमांक 2 कर दिया गया, जिसके चलते मतपत्र को अमान्य घोषित किया गया। याचिका पर बुधवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।

 

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