
देहरादून।
स्नातक परीक्षा पेपर लीक मामले में एसआईटी की जांच में कई अहम तथ्य सामने आए हैं। जांच में पाया गया कि परीक्षा शुरू होने से पहले राज्य के किसी भी जिले से प्रश्न पत्र लीक होने की कोई सूचना नहीं थी। परीक्षा समाप्त होने के बाद लगभग दोपहर 1:30 बजे जानकारी मिली कि सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्र के कुछ सवालों के फोटो प्रसारित किए जा रहे हैं।
जांच में यह तथ्य सामने आया कि प्रश्न पत्र के फोटो सबसे पहले टिहरी में तैनात असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन के पास पहुंचे थे। उन्होंने स्वीकार किया कि यह फोटो उन्हें हरिद्वार निवासी खालिद मलिक ने भेजे थे, जो सीपीडब्ल्यूडी में संविदा पर जेई के पद पर नियुक्त थे। सुमन ने बताया कि उन्होंने यह जानकारी बॉबी पंवार को दी थी। आरोप है कि बॉबी पंवार ने उन्हें पुलिस में जाने से रोका और स्क्रीनशॉट मांगकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम एवं उपाय) अध्यादेश-2023 के तहत अभियोग दर्ज कर लिया है। आरोपितों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं।
अब तक की जांच में खुलासा
अब तक की जांच में किसी भी संगठित गिरोह या पेपर लीक करने वाले नेटवर्क की संलिप्तता नहीं मिली है। हालांकि, यह साफ हुआ है कि परीक्षा केंद्र से किसी व्यक्ति ने प्रश्न पत्र के कुछ सवालों की फोटो लेकर बाहर भेजी थी, जिससे यह पूरा विवाद खड़ा हुआ।