
जेमिनी-नैनो एआई AI साड़ी ट्रेंड पर चेतावनी
देहरादून : अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस पर विधिक गोष्ठी में साइबर डाटा प्राइवेसी को लेकर गंभीर चर्चा हुई। उत्तराँचल यूनिवर्सिटी के लॉ प्रोफेसर अनिल कुमार दीक्षित ने कहा कि आजकल सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे गिबली ट्रेंड और AI साड़ी ट्रेंड निजता के अधिकार के लिए गंभीर खतरा बनते जा रहे हैं।
AI ट्रेंड और निजता का कानूनी प्रश्न
प्रो. दीक्षित ने कहा कि गूगल जेमिनी और नैनो बनाना जैसे AI टूल्स पर लोग अपनी निजी तस्वीरें अपलोड कर आकर्षक रूप में बदलवा रहे हैं। यह ट्रेंड सिर्फ युवाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि बड़ी उम्र के लोग भी इसका उपयोग कर रहे हैं। सवाल यह है कि क्या निजी तस्वीरें ऐसे प्लेटफ़ॉर्म पर अपलोड करना सुरक्षित है?
भारत में क़ानून और चुनौतियां
भारत में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023 लागू है, जिसके तहत बिना अनुमति किसी भी डेटा का उपयोग नहीं किया जा सकता। इसमें प्राइवेसी तोड़ने पर जुर्माना भी तय है, लेकिन इसे प्रभावी ढंग से लागू करना अभी भी चुनौती है।
AI टूल्स और डेटा का खतरा
रिपोर्ट के अनुसार, इंस्टाग्राम पर गूगल नैनो बनाना AI से अब तक 50 करोड़ से अधिक तस्वीरें एडिट की जा चुकी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जब हम अपनी फोटो AI टूल्स पर अपलोड करते हैं तो न सिर्फ अपनी छवि, बल्कि बैकग्राउंड और लोकेशन जैसी निजी जानकारियां भी उजागर कर देते हैं। इस प्रकार व्यक्ति अपनी डिजिटल पहचान पर नियंत्रण खो देता है।
AI साड़ी ट्रेंड—मनोरंजन या खतरा?
डॉ. अनिल दीक्षित ने कहा कि AI के ज़रिये अपनी तस्वीर को रेट्रो साड़ी लुक में बदलकर पोस्ट करना फैशन और एंटरटेनमेंट बन गया है। लेकिन निजता के अधिकार का हनन और उसके दुष्परिणामों के प्रति जागरूक रहना बेहद ज़रूरी है।
इस अवसर पर अरुण कुमार, डॉ. रवि अग्रवाल, पुष्पेंद्र यादव, डॉ. मिना तिवारी और राघवेन्द्र सिंह ने भी साइबर स्पेस रेगुलेशन, जागरूकता और विश्व स्तर पर गुणात्मक सुधार की आवश्यकता पर बल दिया।
AI साड़ी ट्रेंड के खतरे
- तस्वीर अपलोड करने के साथ ही आपकी डिजिटल पहचान प्लेटफ़ॉर्म के पास चली जाती है।
- बैकग्राउंड में मौजूद लोकेशन और निजी जानकारियां भी उजागर हो सकती हैं।
- एक बार इंटरनेट पर गया डेटा हमेशा के लिए सार्वजनिक हो सकता है।
- आपकी सहमति से ली गई फोटो का भविष्य में दुरुपयोग होने की आशंका रहती है।
- निजता के अधिकार के हनन पर कानून है, लेकिन उसका प्रभावी क्रियान्वयन चुनौतीपूर्ण है।