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स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर ‘लीक’, आयोग ने जांच बैठाई

प्रश्नपत्र के तीन पन्ने बाहर आने की पुष्टि

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की ग्रुप-C परीक्षा का पेपर लीक

देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा रविवार को फिर विवादों में आ गई। परीक्षा शुरू होने के थोड़ी ही देर बाद सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्र के कथित स्क्रीनशॉट वायरल हो गए। आयोग के अध्यक्ष गणेश शंकर मर्तोलिया ने पुष्टि की कि प्रश्नपत्र से जुड़े तीन पन्ने बाहर आए हैं, हालांकि वे पढ़ने योग्य नहीं पाए गए।

आयोग ने कहा कि परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाए गए थे, इसके बावजूद यह घटना कैसे हुई, इसकी गहन जांच की जा रही है। मामले की समीक्षा के लिए आयोग स्तर पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई है।

बॉबी पंवार से पूछताछ

हरिद्वार एसओजी ने सोशल मीडिया पर वायरल प्रश्नपत्र और ऑडियो के संदर्भ में बेरोजगार संघ के पूर्व अध्यक्ष बॉबी पंवार से पूछताछ की। इस पर सोशल मीडिया पर विरोध की प्रतिक्रियाएं भी सामने आईं।सूत्रों के मुताबिक बॉबी पंवार एक कार्यक्रम में शामिल होने हरिद्वार पहुंचे थे, जहां से एसओजी टीम उन्हें अपने कार्यालय ले गई। सोशल मीडिया पर वायरल हुए प्रश्नपत्र से जुड़े फोटो और ऑडियो बॉबी तक कैसे पहुंचे और उनकी सच्चाई क्या है। बॉबी से पूछताछ के भी सोशल मीडिया में विरोध हो रहा है। बॉबी पंवार ने फेसबुक पर दावा किया कि परीक्षा का पेपर शुरू होते ही बाहर आ गया था। उन्होंने कहा कि हर बार पेपर लीक कैसे हो जाता है? सरकार और आयोग जवाब दें। पंवार ने वायरल स्क्रीनशॉट का हवाला देते हुए तत्काल जांच की मांग की।

बेरोजगार संघ ने जताई थी आशंका 

प्रदेश अध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि संघ ने पहले ही प्रशासन को पेपर लीक की आशंका जताई थी। उन्होंने सरकार व आयोग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।

नकल माफिया की गिरफ्तारी

विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और एसओजी ने कुख्यात नकल माफिया हाकम सिंह रावत और उसके सहयोगी पंकज गौड़ को गिरफ्तार किया। हाकम सिंह पर पूर्व में भी कई भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक कराने के आरोप रहे हैं।

पेपर ‘लीक’ का पुराना इतिहास

हाकम सिंह रावत पहले भी कई बड़े पेपर लीक मामलों में शामिल रहा है। 2021 की स्नातक स्तरीय परीक्षा, वन दरोगा भर्ती और सचिवालय रक्षक भर्ती में उसका नाम सामने आया था। जमानत पर रिहा होने के बावजूद उसका नेटवर्क सक्रिय रहा। सूत्रों के मुताबिक, उसका गैंग प्रिंटिंग प्रेस से लेकर कुछ अधिकारियों तक फैला हुआ है। एसटीएफ को उम्मीद है कि पूछताछ में और बड़े खुलासे होंगे।

हाकम सिंह का गॉडफादर कौन

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने सरकार पर नकल माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “बार-बार पेपर लीक होना युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। सरकार बताए, हाकम सिंह का गॉडफादर कौन है?”

सरकार पर दबाव, अभ्यर्थियों का गुस्सा

पेपर लीक की खबर से अभ्यर्थियों में गुस्सा है। देहरादून के एक परीक्षा केंद्र पर पहुंचे अभ्यर्थी राहुल ने कहा कि हम दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन नकल माफिया और प्रशासन की लापरवाही हमारा भविष्य बर्बाद कर रही है। सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही पेपर लीक मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति दोहरा चुके हैं। अब देखना यह है कि इस नए मामले में सरकार क्या ठोस कदम उठाती है। फिलहाल एसटीएफ ने जांच तेज कर दी है और डिजिटल व फिजिकल साक्ष्यों की पड़ताल की जा रही है।

 

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