
चमोली के थराली में बादल फटने से तबाही
युवती की मौत, कई लापता, घर-दुकानें मलबे में दबे, सड़कें बंद
चमोली।
जिले के थराली विकासखंड में शुक्रवार-शनिवार की रात बादल फटने से भारी तबाही मच गई। अचानक हुए इस प्राकृतिक हादसे से थराली बाजार, कोटदीप, चेपड़ों, सागवाड़ा, राड़ीबगड़ और आसपास के क्षेत्रों में भीषण नुकसान हुआ है।
जान-माल का नुकसान
सागवाड़ा गांव में एक 20 वर्षीय युवती की मलबे में दबने से मौत हो गई।
चेपड़ों बाजार में कई दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं और एक बुजुर्ग व्यक्ति के लापता होने की सूचना है।
राड़ीबगड़ क्षेत्र में कई घरों में मलबा भर गया और कई अन्य मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।
थराली कस्बे में तहसील परिसर, एसडीएम आवास और कई घरों में मलबा भर गया। तहसील परिसर में खड़ी कई गाड़ियां दब गईं।
सरस्वती शिशु मंदिर और कई अन्य भवनों को नुकसान हुआ है।
सड़कें ठप, संचार बाधित
थराली-ग्वालदम मार्ग मिंग्गदेरा के पास मलबे से पूरी तरह अवरुद्ध है।
थराली-सागवाड़ा मार्ग भी बंद हो गया है।
लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण कई इलाकों तक पहुँचना मुश्किल हो गया है।
मोबाइल और इंटरनेट सेवा प्रभावित हुई है, जगह-जगह पेयजल लाइनें टूट गई हैं।
राहत और बचाव
एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें गौचर से रवाना हुईं, लेकिन जगह-जगह भूस्खलन होने के कारण राहत दलों को 14–15 किलोमीटर पैदल चलकर प्रभावित गांवों तक पहुँचना पड़ा।
बीआरओ मलबा हटाकर सड़क खोलने का प्रयास कर रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने सीएचसी थराली में चार चिकित्सकों और नर्सों की टीम तैनात की है। अतिरिक्त एम्बुलेंस और डॉक्टर भी कर्णप्रयाग और देवाल से भेजे गए हैं।
प्रशासन ने थराली तहसील के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को शनिवार (23 अगस्त) के लिए बंद रखने के आदेश दिए हैं।
प्रशासन की सक्रियता
जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी और अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश ने बताया कि राहत-बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। पुलिस, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन प्रभावित इलाकों में लगातार डटे हुए हैं।
थराली में कुदरत के कहर ने लोगों को दहशत में डाल दिया है। कई परिवारों ने रातों-रात अपने घर छोड़ सुरक्षित स्थानों पर शरण ली। मलबे से घिरे बाजार और गाँव आज भी तबाही की तस्वीर बयां कर रहे हैं।