
सरस्वती शिशु मंदिर को बना दिया अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान
देहरादून, 17 जुलाई : उधमसिंह नगर में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। सरस्वती शिशु मंदिर हाई स्कूल, किच्छा को कागजों में अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान या मदरसा दर्शाकर सैकड़ों मुस्लिम छात्रों को छात्रवृत्ति दिलाई गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले को गंभीर मानते हुए राज्यभर में जांच के आदेश दिए हैं।
2021-22 और 2022-23 में राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर दर्ज 796 छात्रों के दस्तावेजों में से 456 छात्रों से जुड़े दस्तावेज संदिग्ध पाए गए। इनमें सबसे बड़ा मामला सरस्वती शिशु मंदिर हाई स्कूल किच्छा से जुड़ा है, जहां पोर्टल पर 154 मुस्लिम छात्रों के नाम दर्ज मिले। जबकि यह विद्यालय अल्पसंख्यक श्रेणी में नहीं आता और संचालक के तौर पर मोहम्मद शारिक अतीक का नाम सामने आया है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी संबंधित संस्थानों के खातों, छात्रों के दस्तावेजों और संचालकों की गहन पड़ताल की जा रही है। साथ ही दो हफ्तों में रिपोर्ट तलब की गई है।
जांच में अन्य संस्थान भी घेरे में:
- नेशनल अकादमी जेएमवाईआईएचएस, काशीपुर: 125 छात्र, संचालक गुलशफा अंसारी
- मदरसा अल-जामिया उल-मदरिया: 27 छात्र, संचालक मोहम्मद फैजान
- मदरसा अल्बिया रफीक उल उलूम, बाजपुर: 39 छात्र, संचालक जावेद अहमद
- मदरसा जामिया आलिया, गदरपुर: 24 छात्र, संचालक जावेद अहमद
- मदरसा जामिया रजा उल उलूम, बाजपुर: 85 छात्र, संचालक इरशाद अली
उधमसिंह नगर की जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नंदिनी सिंह को पूरे प्रकरण की गहन जांच सौंपी गई है। विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते ने कहा कि राज्यभर में मदरसों और अल्पसंख्यक संस्थानों की जांच जारी है। केंद्र सरकार के मंत्रालय से भी संवाद किया जा रहा है।