
श्रीनगर : बैकुंठ चतुर्दशी पर्व के अवसर पर सिद्धपीठ कमलेश्वर महादेव मंदिर में सोमवार को संतान प्राप्ति की कामना को लेकर 190 दंपतियों ने श्रद्धापूर्वक ‘खड़ा दीया’ अनुष्ठान किया। यह पारंपरिक अनुष्ठान सदियों से निःसंतान दंपतियों की मनोकामना पूर्ण करने के लिए किया जाता रहा है।
235 दंपतियों ने कराया पंजीकरण, 190 ने किया अनुष्ठान
जानकारी के अनुसार, इस वर्ष 235 से अधिक दंपतियों ने अनुष्ठान के लिए पंजीकरण कराया, जिनमें से 190 दंपति मंदिर पहुंचे और रात्रिभर पूजा-अर्चना में लीन रहे। मंगलवार को गोधूलि बेला (शाम 5 बजकर 30 मिनट) पर मंदिर के महंत आशुतोष पुरी ने दीपक जलाकर अनुष्ठान का शुभारंभ किया।
महिलाओं की कमर में बांधे गए शुभ प्रतीक
इस दौरान महिलाओं की कमर में कपड़े से जुड़वां नींबू, श्रीफल, पंचमेवा और चावल की पोटली बांधी गई, जो शुभता और संतति प्राप्ति का प्रतीक मानी जाती है। इसके पश्चात महंत पुरी ने प्रत्येक दंपति के हाथ में जलते दीपक रखवाए और भगवान शिव का आवाहन करते हुए विधिवत पूजा-अर्चना करवाई।
रात्रिभर दीप थामे की शिव आराधना
दंपतियों ने रात्रि भर जलते दीपक को हाथों में थामे भगवान शिव से संतान प्राप्ति की कामना की। बुधवार प्रातः स्नान के बाद महंत आशुतोष पुरी द्वारा दंपतियों को आशीर्वाद देकर अनुष्ठान का समापन किया जाएगा।
‘खड़ा दीया’ से जुड़ी प्राचीन मान्यता
महंत पुरी ने बताया कि ‘खड़ा दीया’ अनुष्ठान प्राचीन परंपरा से जुड़ा है और मान्यता है कि जो दंपति पूरी श्रद्धा और नियमपूर्वक यह अनुष्ठान करते हैं, उन्हें संतान सुख अवश्य प्राप्त होता है। इस विशेष अनुष्ठान में उत्तराखंड के अलावा अमेरिका, नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली, बेंगलुरु, चंडीगढ़, महाराष्ट्र और राजस्थान सहित देश-विदेश के कई दंपति शामिल हुए।



