
प्रदेश में 25 साल में अपराध की तस्वीर
देहरादून।
राज्य गठन के बाद पिछले 25 वर्षों में प्रदेश में अपराध का स्वरूप लगातार बदलता रहा है। सरकारी आंकड़ों और पुलिस रिपोर्ट्स के अनुसार, पारंपरिक अपराध जैसे चोरी और मारपीट में औसत बढ़ोतरी दर्ज की गई है, वहीं महिला अपराध, घरेलू हिंसा और साइबर अपराध में तेज़ी देखी गई है।
विशेषज्ञों के अनुसार, राज्य की राजधानी और बड़े शहरों में साइबर अपराध और महिला उत्पीड़न के मामले अधिक हैं, जबकि औद्योगिक और पर्यटन क्षेत्रों में संपत्ति अपराध आम हैं। ग्रामीण जिलों में घरेलू हिंसा और पारिवारिक झगड़ों के मामले बढ़े हैं।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, साल 2000 में चोरी/डकैती के लगभग 8,000 मामले दर्ज हुए थे, जो 2025 तक बढ़कर 12,500 तक पहुँच गए। मारपीट और शारीरिक हिंसा में भी करीब 50% की वृद्धि हुई। महिला अपराध 600 से बढ़कर 3,200 तक पहुंच गया, जबकि साइबर अपराध लगभग नगण्य से बढ़कर 1,500 मामलों तक पहुँच चुके हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि आर्थिक असमानता, शहरीकरण, पर्यटन और प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग ने अपराध के स्वरूप को प्रभावित किया है। महिला सुरक्षा और साइबर जागरूकता को बढ़ावा देना, ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस निगरानी मजबूत करना और रोजगार तथा सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देना आवश्यक कदम हैं।
पिछले 25 वर्षों में अपराध की यह तुलना प्रदेश के लिए चेतावनी है कि केवल पारंपरिक सुरक्षा उपाय पर्याप्त नहीं हैं। तकनीकी निगरानी, समाजिक सुधार और जागरूकता के साथ ही अपराध नियंत्रण में प्रभावी भूमिका निभा सकते है।



