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तेज़ राहत, कड़ा पुनर्निर्माण : सीएम धामी का अल्टीमेटम

"हर विभाग तय करे जिम्मेदारी वरना होगी जवाबदेही " - काठगोदाम से साफ संदेश

एक माह में पूरा करें सड़कों पर पैच वर्क, जल निकायों से हटे अतिक्रमण

हल्द्वानी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने काठगोदाम में आपदा प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को तेज़ राहत और समयबद्ध पुनर्निर्माण कार्य सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “जिम्मेदारी तय होगी और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

बैठक में मुख्यमंत्री को नैनीताल की लोअर मॉल रोड धंसने, बागेश्वर पुलों की क्षति, रानीबाग पावर हाउस की समस्या, ओखलकांडा और धारी मार्गों में अवरोध, तथा राष्ट्रीय राजमार्गों पर भूस्खलन जैसी चुनौतियों से अवगत कराया गया। नैनीताल जिले में आपदा से कुल लगभग 443 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसे भारत सरकार की आपदा विश्लेषण टीम को भी प्रस्तुत किया गया।

मुख्य निर्देश और प्राथमिकताएँ

  • सड़कों और पुलों की मरम्मत: प्रभावित मार्गों की तत्काल मरम्मत और एक माह के भीतर पैचवर्क पूरा।
  • स्थायी समाधान: लालकुआं, बिंदुखत्ता, गोला, नंधौर और कोसी नदियों के स्थायी समाधान हेतु DPR तैयार।
  • गुणवत्ता पर कड़ा नियंत्रण: हल्द्वानी-नैनीताल हाईवे पर घटिया हॉटमिक्स कार्य करने वाले ठेकेदार और अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
  • जलभराव और स्वास्थ्य सुरक्षा: मानसून में जलभराव से जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग को व्यापक तैयारी और स्वास्थ्य शिविर लगाने के निर्देश।
  • जन समस्याओं का त्वरित समाधान: जन निवारण और बहुउद्देशीय शिविर आयोजित कर समस्याओं का शीघ्र निपटारा।
  • UPNL कर्मियों का वेतन: लंबित वेतन का तत्काल समाधान।
  • जलाशयों का de-silting: सिंचाई विभाग को जलाशयों में de-silting कार्य के लिए ठोस योजना तैयार करने के निर्देश दिए।

बैठक में  जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरमवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत, लालकुआं विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट, भीमताल विधायक राम सिंह केड़ा, रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल, दायित्वधारी डॉ. अनिल डब्बू, दीपक महरा, शंकर कोरंगा और सभी मंडलीय अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि असामान्य वर्षा और भूस्खलन के कारण राज्य के लगभग सभी जनपद प्रभावित हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि केंद्र और राज्य के संसाधनों का उपयोग कर प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से पुनर्निर्माण कार्य सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने जोर दिया कि प्रत्येक विभाग और अधिकारी समयबद्ध ढंग से अपनी जिम्मेदारी पूरी करे, ताकि प्रभावित जनता को शीघ्र राहत मिल सके।

 

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