डीएम ने दुर्गम गांवों में जाकर आपदा पीड़ितों को दी राहत
छमरौली और फुलेत में डीएम ने ग्रामीणों से की मुलाकात, हालात सुधारने के लिए अफसरों को दिए सख्त निर्देश

12 किमी पैदल चल कर डीएम पहुंचे फुलेत गांव
देहरादून : कुदरत की मार झेल रहे क्षेत्रों में राहत और मदद पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर दुर्गम गांव छमरौली का दौरा किया। इसके बाद उन्होंने पैदल और कठिन रास्तों से 12 किमी और आगे फुलेत गांव में जाकर आपदा पीड़ितों से मुलाकात की। उनके साथ अफसरों की पूरी टीम मौजूद थी।
डीएम ने हेली सेवा की बजाय सड़क और पैदल मार्ग से ही आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। रास्ते में उन्हें नदी-नाले, ध्वस्त मिट्टी के पहाड़ और टूटी हुई सड़कों, पुलों और पगडंडियों का दृश्य मिला। उन्होंने स्वयं देखा कि कई जगहों पर बारिश और बादल फटने के कारण पूरी तरह से तबाह हो गया है।
पीड़ितों से मुलाकात के दौरान डीएम ने उन्हें दिलासा दिया कि उनकी हर समस्या को सरकार जल्द हल करेगी। साथ ही अफसरों और इंजीनियर्स को युद्धस्तर पर हालात सामान्य करने के निर्देश मौके पर ही दिए।
फुलेत गांव में डीएम ने भूमि कटाव, फसल, भवन और पशुधन हानि के आकलन एवं मुआवजे के लिए तहसीलदार, ब्लॉक प्रभारी (कृषि), ADO (उद्यान) और जेई लोक निर्माण विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने आदेश दिया कि अंतिम व्यक्ति तक मुआवजा पहुँचने तक अफसर मौके पर ही तैनात रहें।
PWD अफसरों को मकानों के नुकसान की तकनीकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने और PMGSY को मृतक एवं लापता श्रमिकों की सूची तैयार करने के निर्देश भी दिए गए। मलबे से ब्लॉक खाले और पैदल रास्ते खोलने के लिए PMGSY को तत्काल बजट मंजूर कर कार्य शुरू करने की हिदायत दी गई।
विद्यालयों से जुड़ी समस्याओं के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी को क्षेत्र का दौरा कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया। ग्रामीण और अफसरों को इस कठिनाई भरे इलाके में आते देखकर हैरान रह गए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डीएम को निर्देश दिए हैं कि आपदा प्रभावित इलाकों में पहले पहुँच कर राहत कार्य प्रारंभ करें। खुद सीएम भी ग्राउंड जीरो पर पहुँचकर पीड़ितों से सीधे संवाद कर रहे हैं।