केदारनाथ हेली सेवा 15 से, बढ़ेगा किराया
बुकिंग 10 सितंबर से , सुरक्षा मानकों के कारण घटाई गई उड़ानों की संख्या

देहरादून: मानसून के समाप्त होने के आसार के बीच प्रदेश में चारधाम यात्रा का दूसरा चरण 15 सितंबर से शुरू होने की उम्मीद है। इस बार केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं में यात्रियों को 40 प्रतिशत तक अधिक किराया देना पड़ सकता है।
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) के अनुसार सुरक्षा मानकों के तहत हेली सेवाएँ अब कम यात्रियों के साथ संचालित होंगी। इसके चलते उड़ानों की संख्या में भी कमी आएगी, जिससे किराया बढ़ने की संभावना है। हेली सेवाओं की बुकिंग 10 सितंबर से शुरू होगी और सेवाएँ 15 सितंबर से संचालित की जाएंगी।
इन दो कंपनियों पर लगा है प्रतिबन्ध
इस वर्ष हेली सेवाओं में सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाए गए हैं। दो कंपनियों — आर्यन एविएशन और ट्रांस भारत एविएशन — पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसका कारण 15 जून 2025 को आर्यन एविएशन के हेलीकॉप्टर का खराब मौसम में उड़ान भरने के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होना था, जिसमें सात लोगों की मौत हुई थी। इस हादसे के बाद उत्तराखंड सरकार ने इन दोनों कंपनियों की सेवाओं पर अगले आदेश तक रोक लगा दी। इसलिए इस बार हेली सेवाओं के संचालन में केवल सात कंपनियां ही उड़ान भरेंगी और सुरक्षा मानकों को और कड़ा किया गया है।
मानसून और सुरक्षा का असर
प्रदेश में आमतौर पर चारधाम यात्रा का दूसरा चरण एक सितंबर से शुरू होता है। इस बार मौसम की स्थिति के कारण हेली सेवाएँ 15 सितंबर से शुरू होंगी। मौसम प्रतिकूल होने पर उड़ानों की अनुमति नहीं दी जाएगी।
हेली उड़ानों में कटौती
पहले चरण में नौ हेली कंपनियां प्रतिदिन 250 से 270 उड़ान भरती थीं। इस बार सात कंपनियाँ प्रतिदिन 184 उड़ानें भरेंगी।
निगरानी तंत्र विकसित, लगाए जाएंगे वेदर स्टेशन और सेलो मीटर
यूकाडा ने इस बार डीजीसीए, एटीसी, यूकाडा और एविएशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रतिनिधियों सहित निगरानी तंत्र विकसित किया है। साथ ही हेली सेवाओं के लिए वेदर स्टेशन और सेलो मीटर लगाए जाएंगे।
डाॅ. आशीष कुमार चौहान, सीईओ, यूकाडा ने बताया कि नए मानकों के अनुसार न तो कंपनियाँ मनमाने तरीके से यात्रियों को बिठा पाएंगी, न उड़ान भरेंगी और न ही फेरे लगाएंगी। इससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।