माँ नंदा देवी हमारी संस्कृति और आस्था की आधारशिला हैं : त्रिवेन्द्र
नंदा अष्टमी की भव्य डोली यात्रा में शामिल हुए सांसद त्रिवेंद्र रावत

देहरादून। नंदा अष्टमी के पावन अवसर पर हरिद्वार सांसद एवं उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत रविवार को अंबीवाला, देहरादून में आयोजित भव्य डोली यात्रा में शामिल हुए।
सांसद रावत ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि “माँ नंदा देवी केवल देवभूमि उत्तराखण्ड की ईष्ट देवी ही नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, आस्था और जीवन मूल्यों की आधारशिला हैं। नंदा अष्टमी का यह पर्व हमें एकजुट होकर समाज और राष्ट्र के कल्याण के लिए कार्य करने की प्रेरणा देता है।” उन्होंने माँ नंदा देवी से समस्त प्रदेशवासियों के मंगल की कामना भी की।
उत्तराखण्ड की पर्वतीय संस्कृति में माँ नंदा को ‘महानंदा देवी’ के रूप में पूजनीय माना जाता है। परंपरागत मान्यता है कि माँ नंदा हिमालय की स्वरूपा शक्ति हैं, जो परिवार की समृद्धि, संतानों की रक्षा और समाज की उन्नति का आशीर्वाद देती हैं। नंदा अष्टमी पर्व विशेषकर कुमाऊँ और गढ़वाल अंचल में आस्था, श्रद्धा और लोक उत्सव का प्रतीक माना जाता है। इस दिन देवी की डोलियाँ गाँव-गाँव से निकलकर भक्तों को शक्ति और सद्भाव का संदेश देती हैं।
डोली यात्रा के दौरान वातावरण “जय माँ नंदा देवी” के जयकारों और भक्ति भाव से गूंज उठा। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने उत्साह और श्रद्धा के साथ भागीदारी की।कार्यक्रम में डोईवाला विधायक बृजभूषण गैरोला, स्थानीय पार्षदगण, भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ता सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। माँ नंदा देवी की डोली यात्रा धार्मिक आस्था और उत्साह के बीच सम्पन्न हुई।