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वैष्णो देवी हादसा: मृतकों की संख्या 34 पहुंची, हिमाचल-पंजाब में भी तबाही

जम्मू-कटरा के लिए 22 ट्रेनें रद्द और 27 को किया गया शॉर्ट-टर्मिनेट 

पंजाब में सतलुज और ब्यास उफान पर,  गांवों में घुसा पानी

जम्मू/शिमला/चंडीगढ़, 27 अगस्त : उत्तर भारत में मानसून का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के कटरा स्थित वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर अर्धकुमारी के पास मंगलवार सुबह हुए भूस्खलन में मृतकों की संख्या 34 तक पहुँच गई है। हादसे में 23 से अधिक लोग घायल हैं, जबकि कई अब भी लापता बताए जा रहे हैं। दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश में डलहौज़ी और कुल्लू सहित कई जिलों में भारी बारिश और क्लाउडबर्स्ट से तबाही मची हुई है। वहीं, पंजाब में सतलुज और ब्यास जैसी नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई गांव पानी में डूब गए हैं।

वैष्णो देवी मार्ग पर मचा हाहाकार

मंगलवार को कटरा से मंदिर जाने वाले पुराने मार्ग पर अचानक भारी भूस्खलन हुआ। बड़े-बड़े पत्थरों और मलबे ने पूरे रास्ते को ढक लिया। चश्मदीद श्रद्धालुओं ने बताया कि “कुछ ही क्षणों में सब तबाह हो गया, लोग चीख-पुकार करते भाग रहे थे।”

प्रशासन ने तुरंत राहत-बचाव कार्य शुरू किया।  NDRF, SDRF और सेना की टीम लगातार मलबा हटाने में लगी हुई है। मृतकों के परिजनों को श्राइन बोर्ड की ओर से 5 लाख और आपदा प्रबंधन विभाग से 4 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा हुई है। हादसे के बाद यात्रा को रोक दिया गया है। राहत और बचाव सामग्री लेकर भारतीय वायुसेना का एक सी-130 परिवहन विमान बुधवार को माता वैष्णो देवी तीर्थस्थल मार्ग पर अर्धकुंवारी के पास हुए भूस्खलन से प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए जम्मू पहुंच गया।इस बीच जम्मू क्षेत्र में यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जम्मू-कटरा के लिए 22 ट्रेनें रद्द और 27 को शॉर्ट-टर्मिनेट करना पड़ा है।

हिमाचल में क्लाउडबर्स्ट और भूस्खलन

हिमाचल प्रदेश के डलहौज़ी उपमंडल के तलाई क्षेत्र में क्लाउडबर्स्ट से कई घरों और खेतों को नुकसान पहुँचा है। लगातार बारिश के चलते डलहौज़ी-पठानकोट, डलहौज़ी-चंबा और डलहौज़ी-खज्जियार मार्ग बंद हो गए हैं। कुल्लू जिले में नालों के उफान पर आने से खेत डूब गए हैं। प्रदेश के 10 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। अब तक 316 सड़कें बंद हो चुकी हैं। 650 से अधिक मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं और 2,300 से अधिक आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त बताए जा रहे हैं। मंडी, कुल्लू और किन्नौर में सबसे अधिक नुकसान हुआ है।

पंजाब में बाढ़ का संकट

पंजाब के कई जिलों में भारी बारिश और पहाड़ों से आ रहे तेज़ पानी ने हालात बिगाड़ दिए हैं। सतलुज और ब्यास नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर से ऊपर पहुँच गया है। जालंधर, फिरोज़पुर, कपूरथला और होशियारपुर जिलों के कई निचले इलाकों और गांवों में पानी घुस गया है। खेत डूब गए हैं और ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। प्रशासन ने राहत शिविर बनाए हैं और लगातार निगरानी रखी जा रही है।

मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और पंजाब में अगले 48 घंटे तक भारी बारिश की आशंका जताई है। नदियों-नालों का जलस्तर पहले से ही उफान पर है, ऐसे में प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। जम्मू में तवी नदी का जलस्तर कम हुआ है, जो राहत की बात है, लेकिन चिनाब नदी अभी भी खतरे के निशान के करीब बह रही है।

 

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