अब जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में बादल फटने से तबाही, चार की मौत
वैष्णो देवी में अर्धकुमारी के पास लैंडस्लाइड, खराब मौसम के कारण यात्रा स्थगित

10 से अधिक मकान ध्वस्त, दो दिन के लिए स्कूल बंद
जम्मू, 26 अगस्त : जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के थाथरी उप-मंडल में सोमवार देर रात बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई। अचानक आई इस प्राकृतिक आपदा से 10 से ज्यादा मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए, जबकि कई अन्य घर और दुकानें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। तेज़ बारिश और फ्लैश फ्लड की चपेट में आने से अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, दूसरी ओर वैष्णो देवी में अर्धकुमारी के पास लैंडस्लाइड में भी कुछ लोग घायल हुए हैं। रेस्क्यू जारी है। खराब मौसम के कारण वैष्णो देवी यात्रा स्थगित कर दी गई है। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यह जानकारी दी है।
घटना के बाद पूरे क्षेत्र में अफरातफरी और दहशत का माहौल है। तेज़ जलप्रवाह सड़कों पर मलबा और पेड़ बहाकर लाया, जिससे कई मार्ग बाधित हो गए हैं। बाजारों और रिहायशी इलाकों में पानी घुसने से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी।
तीन दिन से लगातार बारिश हो रही है। विशेषकर चेनाब नदी से जुड़े इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है। एनएच 244 पूरी तरह से बह गया है। एक प्राइवेट हेल्थ सेंटर को भी नुकसान हुआ है।
प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य के लिए पुलिस, SDRF और स्वास्थ्यकर्मियों की टीमों को मौके पर भेजा है। प्रभावित परिवारों को अस्थायी शिविरों में ठहराने की व्यवस्था की जा रही है। वहीं, मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों तक भारी बारिश की संभावना जताई है, जिससे राहत कार्यों में और दिक्कतें आ सकती हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि दो दिनों के लिए स्कूल बंद कर दिए हैं। कई सड़कें और रेल सेवाएं ठप हैं। जम्मू-श्रीनगर और बटोटे-किश्तवाड़ सहित कई नेशनल हाईवे भी बंद हैं, जिससे वाहनों की आवाजाही रुक गई है। हालात पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और जोखिम वाले क्षेत्रों से दूर रहें।
इससे पहले, किश्तवाड़ जिले के चसोटी गांव में 14 अगस्त को बादल फटा था। इसमें 65 लोगों की मौत हुई थी। 200 लोग अब भी लापता हैं। बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में मचैल माता यात्रा के लिए पहुंचे कई श्रद्धालु, उनकी बसें, टेंट, लंगर और दुकानें बह गई थीं।