उत्तराखंड

स्याना चट्टी में यमुना पर बनी झील को खोलने की कोशिशें तेज

सीएम ने दिए सख्त निर्देश, लोगों को पहुंचाया सुरक्षित स्थानों पर

उत्तरकाशी, 22 अगस्त:  यमुनोत्री धाम के प्रमुख पड़ाव स्याना चट्टी में भूस्खलन से यमुना नदी का प्रवाह बाधित होने के बाद बनी झील को सुरक्षित ढंग से खोलने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। शुक्रवार सुबह से ही पीडब्ल्यूडी, एसडीआरएफ, सिंचाई विभाग और अन्य एजेंसियां मौके पर जुटी हैं। दोपहर तक झील के जलस्तर में करीब दो फीट की कमी आई है। उत्तरकाशी के डीएम प्रशांत आर्य स्वयं राहत-बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन को जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर झील की निकासी के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्याना चट्टी समेत प्रभावित क्षेत्रों में भोजन, दवाई, ईंधन और अन्य आवश्यक सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा।

आपदा प्रबंधन सचिव सुमन ने बताया कि दलदल के कारण नदी का चैनलाइजेशन कठिन हो रहा है, लेकिन पानी की निकासी आंशिक रूप से शुरू हो चुकी है। टीमें राफ्ट और मोटरबोट की मदद से ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर कार्य कर रही हैं। डीएम आर्य के अनुसार, तकनीकी उपायों से झील का डिस्चार्ज बढ़ाया गया है, हालांकि अभी इसमें और समय लगेगा। प्रभावित संपत्तियों को पहले ही खाली कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है।

गौरतलब है कि वीरवार शाम गडगाड गदेरे से आए मलबे ने यमुना को रोककर स्याना चट्टी में झील बना दी थी। इसके कारण यमुनोत्री हाईवे का पुल, पुलिस चौकी, होटल, इंटर कॉलेज समेत कई भवन पानी में डूब गए। झील टूटने की आशंका को देखते हुए उत्तरकाशी, टिहरी और देहरादून जिलों के निचले इलाकों के लिए हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है। कई गांवों को एहतियातन खाली कराया गया है। वर्तमान में यमुनोत्री धाम का संपर्क उत्तरकाशी मुख्यालय और प्रदेश के अन्य हिस्सों से कटा हुआ है।

 

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