
दिल्ली। लोकसभा के मानसून सत्र में हरिद्वार सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने संबंधी सवाल के जवाब में केंद्र ने स्पष्ट किया है कि यह अधिकार राज्यों के पास है।
मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल ने लिखित उत्तर में कहा कि संविधान के अनुच्छेद 246(3) के तहत इस विषय पर कानून बनाने का अधिकार राज्य विधानमंडलों को प्राप्त है, न कि केंद्र सरकार को।
मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार देशी नस्ल की गायों के संवर्धन, संरक्षण और पालन के लिए ठोस कदम उठा रही है। दिसंबर 2014 से राष्ट्रीय गोकुल मिशन लागू है, जिसका उद्देश्य देशी नस्लों का विकास और संरक्षण करना है। जुलाई 2021 में इस योजना को संशोधित और पुनर्संरेखित किया गया। मार्च 2025 में उच्च मांग और योजना की सफलता को देखते हुए इसमें 1000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया गया, जिससे 2021-22 से 2025-26 तक इसका कुल बजट 3400 करोड़ रुपये हो गया है।
प्रो. बघेल ने कहा कि देशी नस्ल के गोवंश का संरक्षण और संवर्धन राष्ट्रीय प्राथमिकता है और इसके लिए राज्यों के साथ समन्वय में प्रयास जारी रहेंगे।
सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि गाय भारतीय कृषि, संस्कृति और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अभिन्न हिस्सा है। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के बजट में वृद्धि सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय का आभार व्यक्त किया।