गुजरात की महिला ने मुख्यमंत्री धामी को धोती फाड़ बांधी राखी
आपदा में रक्षक बने सीएम को बताया भगवान श्रीकृष्ण, कहा – ‘भाई की तरह की हमारी रक्षा’

धराली/गंगोत्री। उत्तरकाशी के धराली में आई आपदा के दौरान गुजरात से आई एक महिला ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को राखी बांधकर ऐसा मार्मिक दृश्य रच दिया, जिसने वहां मौजूद हर आंख को नम कर दिया।
अहमदाबाद के ईशनपुर की रहने वाली धनगौरी बरौलिया अपने परिवार संग गंगोत्री दर्शन के लिए आई थीं। लेकिन 5 अगस्त को धराली में अचानक आई आपदा ने सबकुछ बदल दिया। मलबा, तेज बहाव और टूटा मार्ग — परिवार के साथ फंसी धनगौरी के लिए हालात बेहद कठिन थे।
इसी बीच राहत व बचाव कार्यों की कमान खुद मुख्यमंत्री धामी ने संभाली। लगातार तीन दिन से आपदा क्षेत्र में डटे सीएम की अगुवाई में रेस्क्यू टीमों ने धनगौरी व अन्य तीर्थयात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला।
शुक्रवार को जब मुख्यमंत्री प्रभावित गांवों का निरीक्षण कर रहे थे, तभी धनगौरी ने भावुक होकर अपनी धोती का एक किनारा फाड़ा और उसे राखी बनाकर सीएम धामी की कलाई पर बांध दिया। राखी बांधते हुए उनकी आंखों से आंसू झलक पड़े। उन्होंने कहा –
“मेरे लिए मुख्यमंत्री धामी भगवान श्रीकृष्ण जैसे हैं। उन्होंने न केवल मेरी, बल्कि सैकड़ों बहनों की इस आपदा में रक्षा की है।”
इस भावनात्मक क्षण में मुख्यमंत्री धामी ने भी उन्हें भरोसा दिलाया कि वे हर बहन के लिए भाई की तरह हर संकट में साथ खड़े रहेंगे और सरकार की ओर से हरसंभव मदद दी जाएगी। धराली की कठिन परिस्थिति में यह बहन-भाई का अनोखा रिश्ता, मानवता और संवेदनशीलता की एक मिसाल बन गया, जो इस आपदा की सबसे भावुक याद के रूप में दर्ज हो गया।
सीएम धामी का वचन है “प्रभावित हर बहन मेरी अपनी बहन है। मैं एक भाई की तरह उनके लिए हर संकट में खड़ा रहूंगा।”
मानवता की मिसाल
धराली में प्राकृतिक आपदा के मलबे के बीच जन्मा यह राखी का रिश्ता सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं था, बल्कि इंसानी जुड़ाव, भरोसे और कर्तव्य की एक जीवंत तस्वीर थी।
धनगौरी बरौलिया ने जब अपनी फटी धोती से राखी बनाई, तो उसमें सिर्फ एक धागा नहीं, बल्कि एक असहाय बहन का विश्वास, एक रक्षक के प्रति कृतज्ञता और आपदा में खड़े इंसानियत के प्रतीक मुख्यमंत्री धामी के प्रति सच्चा सम्मान था। इस मार्मिक क्षण ने साबित कर दिया कि जब नेतृत्व ज़मीन पर होता है, तो सरकारें नहीं, रिश्ते काम आते हैं।