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सीएम के निर्देश पर अपर सीएमओ डॉ. शाह हसन पर हुई कार्रवाई

शराब के नशे में दो युवकों टक्कर मरने के मामले में चिकित्सक निलंबित

 

देहरादून, 4 अगस्त : उत्तराखंड सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए चमोली जनपद के प्रभारी अपर मुख्य चिकित्साधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है। उन पर आरोप है कि उन्होंने शराब के नशे में स्कॉर्पियो वाहन चलाते हुए दो बाइक सवार युवकों को टक्कर मार दी, जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।

यह हादसा 1 अगस्त की शाम करीब 6 बजे रुद्रप्रयाग जिले के तिलणी क्षेत्र में हुआ। जानकारी के अनुसार, चमोली जनपद के प्रभारी अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. शाह हसन स्कॉर्पियो से चमोली से लौट रहे थे। इसी दौरान तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाते हुए उन्होंने सामने से आ रही बाइक को टक्कर मार दी। बाइक पर सवार दोनों युवक स्थानीय निवासी थे, जो टक्कर के बाद सड़क पर दूर जा गिरे और गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके पर मौजूद लोगों ने तत्काल एंबुलेंस और पुलिस को सूचना दी। प्रारंभिक जांच में डॉ. हसन के शराब के नशे में होने के संकेत मिले, जिसकी पुष्टि बाद में 3 अगस्त को स्वास्थ्य महानिदेशक को भेजी गई विस्तृत रिपोर्ट में की गई।

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख किया गया कि एक वरिष्ठ अधिकारी का शराब पीकर वाहन चलाना न केवल उत्तराखंड राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली, 2002 का उल्लंघन है, बल्कि इससे विभाग की गरिमा और जनता का भरोसा भी प्रभावित होता है। इस आधार पर उत्तराखंड अपील एवं अनुशासन नियमावली, 2003 के नियम-4 के तहत राज्यपाल की स्वीकृति प्राप्त कर डॉ. हसन को जनहित में निलंबित कर दिया गया है।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता, पारदर्शिता और अनुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। “यह मामला अत्यंत गंभीर है और इससे विभाग की साख को भी नुकसान पहुंचा है। शासन किसी भी स्तर पर गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार और सेवा दायित्वों की अनदेखी को स्वीकार नहीं करेगा।

उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार की नीति ऐसे मामलों में ‘जीरो टॉलरेंस’ की है। “हमारी प्रतिबद्धता सिर्फ इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य सेवा में लोगों का भरोसा बनाए रखने की भी है।

निलंबन अवधि में डॉ. हसन को रुद्रप्रयाग मुख्यालय में अटैच किया गया है, जहां से वे विभागीय जांच में सहयोग करेंगे। स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया है कि मामले की निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध जांच की जाए। यदि आरोप सिद्ध होते हैं तो नियमानुसार कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

 

 

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