
जिन बच्चों को शब्द नहीं मिलते थे, अब वो बोलते हैं आत्मविश्वास से — ये बदलाव लाईं हैं ‘भोजन माता’ सुमन देवी
चमोली (उत्तराखंड) : ऊँचे पहाड़ों, मुश्किल रास्तों और सीमित संसाधनों के बीच, उत्तराखंड के चमोली ज़िले के एक छोटे से गाँव खाल में एक सादी-सी महिला बच्चों के भविष्य को आकार दे रही हैं — अपने हुनर, सेवा और प्यार से। उनका नाम है सुमन देवी, और वो वहां की भोजन माता हैं। लेकिन वे सिर्फ बच्चों के लिए भोजन नहीं बनातीं — वे बच्चों को अंग्रेज़ी बोलना सिखाती हैं, गणित के सवाल सिखाती हैं। साथ ही अंग्रेजी कविताएं भी सुनाती और सिखाती हैं।
वो बच्चों में आत्मविश्वास जगाने के साथ ही उन्हें एक ऐसा सपना दिखा रही हैं जो अब तक पहाड़ों के छोटे गांवों में अनसुना था।
🧡 “Yes, I am a bhojan mata and I am teaching English to children”
एक साधारण वीडियो में, सुमन देवी फर्राटेदार अंग्रेज़ी में बोलती हैं — न झिझक, न शर्म। उनकी आवाज़ में एक आत्मविश्वास है, और आंखों में एक मकसद।
सिस्टम जब चूक जाता है, तो अक्सर कोई आम इंसान असाधारण बनकर सामने आता है। कुछ ऐसा ही काम किया है चमोली जनपद के दूरस्थ गांव खाल की एक महिला ने। उनका नाम है सुमन देवी। वो सरकारी प्राथमिक विद्यालय में बतौर ‘भोजन माता’ नियुक्त हैं — यानी उनका काम है बच्चों को मिड-डे मील परोसना। लेकिन उन्होंने थाली से आगे जाकर बच्चों के जीवन में उम्मीद परोस दी है।
सुमन देवी अब बच्चों को अंग्रेज़ी पढ़ाना भी शुरू कर चुकी हैं। वो यूट्यूब पर खुद चीज़ें देखकर पहले शब्द, उच्चारण और पोयम्स सीखती हैं, फिर स्कूल आकर बच्चों को सरल अंदाज़ में सिखाती हैं।
वे पिछले करीब 4 वर्षों से भोजन माता के रूप में कार्यरत हैं। ₹3,000–₹5,000 जैसी मामूली राशि में काम करते हुए भी उन्होंने कभी सिर्फ रसोई तक खुद को सीमित नहीं रखा। उन्होंने खुद यूट्यूब और मोबाइल से अंग्रेज़ी सीखी, और अब बच्चों को वही ज्ञान बांट रही हैं।
सुमन देवी स्वयं पांचवीं कक्षा पास हैं। जब वे छोटी थी तो उनके पिता की पोस्टिंग नागालैंड में थे। वहीं उन्होंने पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई की। सुमन देवी का अपना परिवार एक साधारण किसान परिवार है। वे खुद कभी बहुत आगे तक पढ़ाई नहीं कर सकीं, लेकिन बच्चों को आगे बढ़ते देखना उनका सपना है। शायद यही कारण है कि वे हर दिन भोजन परोसने के बाद समय निकालकर बच्चों को पढ़ाती हैं।
वो कहती हैं – “शुरू में डर लगा, क्या बोल पाऊंगी? लेकिन बच्चों की आंखों में उम्मीद देखी, तो हिम्मत आ गई। गांव के बच्चे जब आत्मविश्वास के साथ “A for Apple, B for Ball” बोलते हैं, तो शिक्षकों को भी कभी-कभी आश्चर्य होता है कि ये सब उन्होंने कहां सीखा! उत्तर है — भोजन माता सुमन देवी से।
सुमन देवी को लेकर हाल ही में ‘श्रीनगर दर्शन’ नामक यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो भी प्रकाशित हुआ है, जिसमें उनका अंदाज़, समर्पण और बच्चों के साथ उनका जुड़ाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। यह वीडियो अब कई लोगों को प्रेरणा दे रहा है। Facebook पर भी उनका वीडियो वायरल हो रहा है।
उत्तराखंड के कई गांवों में शिक्षक नहीं पहुँचते, स्कूल खाली पड़े हैं, और बच्चे उज्ज्वल भविष्य से दूर हैं। ऐसे में सुमन देवी जैसे लोग एक चुपचाप क्रांति कर रहे हैं।सुमन देवी सिर्फ भोजन नहीं, अक्षर और आत्मबल भी परोस रही हैं।