
मुख्यमंत्री गंभीर, जर्जर स्कूल भवनों और खस्ताहाल पुलों पर जताई गहरी चिंता
देहरादून, 25 जुलाई: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को अपने शासकीय आवास में उच्च स्तरीय बैठक लेकर प्रदेश में स्कूल भवनों, पुलों की सुरक्षा और पर्यटन स्थलों के विकास से जुड़े महत्वपूर्ण निर्देश अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा और राज्य की सांस्कृतिक व धार्मिक विरासत को आर्थिक शक्ति में बदला जाएगा।
पहाड़ों में जर्जर स्कूल भवनों, खस्ताहाल पुलों और अन्य सरकारी ढांचों की खराब हालत को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे बेहद गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने अपने शासकीय आवास पर उच्चस्तरीय बैठक कर शिक्षा भवनों की सुरक्षा, ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों की हालत और कमजोर पुलों की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि बच्चों की सुरक्षा और आमजन की सुविधा से जुड़ी इन मूलभूत व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए त्वरित और ठोस कदम उठाए जाएं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को चेताया कि लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं होगी और ज़मीनी स्तर पर असर दिखाई देना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी स्कूल भवनों का सुरक्षा ऑडिट कराया जाए। जर्जर या असुरक्षित भवनों में किसी भी स्थिति में बच्चों को न बैठाया जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जहाँ स्कूल भवन मरम्मत योग्य हैं, वहां शीघ्र मरम्मत की जाए और जहाँ पुनर्निर्माण आवश्यक हो, वहां उसकी कार्ययोजना बनाकर त्वरित क्रियान्वयन किया जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी पुलों का भी सुरक्षा ऑडिट कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन पुलों की स्थिति खराब हो रही है, वहां मरम्मत और पुनर्निर्माण का कार्य प्राथमिकता पर किया जाए। पुलों की स्थिति पर नियमित निगरानी रखी जाए ताकि कहीं भी जर्जर पुलों के कारण कोई जनहानि न हो।
त्रियुगीनारायण और अन्य स्थलों को मिलेगा नया रूप, बनेंगे वेडिंग डेस्टिनेशन
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि त्रियुगीनारायण और राज्य के अन्य स्थलों को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाए। यह पहल राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय युवाओं को रोजगार देने का महत्वपूर्ण माध्यम बनेगी।
उन्होंने कहा कि इन स्थलों के विकास में गुणवत्ता, सुविधाएं और सांस्कृतिक गरिमा का विशेष ध्यान रखा जाए। साथ ही अन्य राज्यों की वेडिंग पॉलिसी का अध्ययन कर उत्तराखंड के लिए एक आकर्षक और प्रभावी नीति तैयार की जाए।
राज्य में विकसित होंगे दो स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में दो स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन विकसित किए जाएं। इससे राज्य में धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पर्यटन को सुदृढ़ करने के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों को भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह पहल उत्तराखंड की धार्मिक पहचान को आर्थिक सामर्थ्य में बदलने की दिशा में सार्थक कदम होगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि संबंधित विभाग आपसी समन्वय के साथ ठोस कार्ययोजना बनाकर कार्य करें ताकि समयबद्ध और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस उच्चस्तरीय बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पांडेय, विशेष सचिव डॉ पराग मधुकर धकाते, आ ई जी के एस नगण्याल, अपार सचिव बंशीधर तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।