उत्तराखंड को पहली बार मिलेगा ऑर्गन बैंक
दून मेडिकल कॉलेज में खुलेगा राज्य का पहला SOTTO सेंटर, अंगदान से जुड़े अभियान को मिलेगा बढ़ावा

देहरादून, 25 जुलाई : उत्तराखंड की चिकित्सा व्यवस्था अब अंग प्रत्यारोपण जैसी जटिल स्वास्थ्य सेवाओं में भी आत्मनिर्भर होने की दिशा में अग्रसर हो चुकी है। जल्द ही राज्य को अपना पहला ऑर्गन बैंक मिलने जा रहा है जिसकी स्थापना राजधानी स्थित राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में अधिकारियों को इस संबंध में जरूरी कार्यवाही के निर्देश दिए गए। यह ऑर्गन बैंक राज्य में अंगदान, देहदान और जीवनरक्षक प्रत्यारोपण सेवाओं को नई दिशा देगा।
राज्य में स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (SOTTO) की स्थापना को लेकर दून मेडिकल कॉलेज में व्यवस्थाएं अंतिम रूप में हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इससे राज्य के गंभीर रोगियों को दूसरे राज्यों में न जाकर स्थानीय स्तर पर अंग प्रत्यारोपण की सुविधा मिल सकेगी।
नोडल अधिकारी होंगे डॉ. अतुल कुमार
डॉ. रावत ने बताया कि एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. अतुल कुमार को इस परियोजना का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। वे NOTTO (नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन) और ROTTO (रिजनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन) से समन्वय कर SOTTO के लिए सभी तकनीकी और प्रशासनिक आवश्यकताओं को पूरा करेंगे।
उन्होंने लोगों से अपील की कि इच्छुक नागरिक दून मेडिकल कॉलेज में आकर या SOTTO की वेबसाइट के माध्यम से अंगदान व देहदान के लिए पंजीकरण कर सकते हैं।
ब्लड डोनेशन कैंप और मिल्क बैंक भी होंगे स्थापित
चिकित्सा शिक्षा विभाग की बैठक में मंत्री ने दून मेडिकल कॉलेज प्रशासन को शीघ्र ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित करने के निर्देश दिए। साथ ही नवजात शिशुओं के लिए मिल्क बैंक, ई-ग्रंथालय, और मेडिकल छात्रों को डिजिटल लॉकर से प्रमाण पत्र देने की प्रणाली लागू करने को कहा गया।
टीबी उन्मूलन में फैकल्टी की भागीदारी पर जोर
बैठक में मंत्री ने मेडिकल कॉलेज की सभी फैकल्टियों से एक-एक टीबी मरीज को स्वेच्छा से गोद लेने का आग्रह किया, ताकि टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान को मजबूती मिल सके। उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थानों को सिर्फ इलाज का ही नहीं, सामाजिक उत्तरदायित्व का भी केंद्र बनना होगा।
बैठक में निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, अपर निदेशक डॉ. आरएस बिष्ट, दून मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या डॉ. गीता जैन, नोडल अधिकारी डॉ. अतुल कुमार समेत विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
ऑर्गन बैंक (SOTTO) से क्या होंगे फायदे?
- स्थानीय प्रत्यारोपण सुविधा अब अंग प्राप्ति के लिए मरीजों को दूसरे राज्यों में नहीं जाना होगा
- अंगदान की पारदर्शी प्रक्रिया पंजीकरण, सूचीबद्धता और आवंटन के लिए स्पष्ट व्यवस्था
- समय की बचत, जान की रक्षा ट्रांसप्लांट की समय-संवेदनशील प्रक्रिया अब तेज और स्थानीय
- जन-जागरूकता में वृद्धि देहदान व अंगदान को सामाजिक आंदोलन बनाया जाएगा
- स्वास्थ्य शिक्षा को बल मेडिकल छात्रों को लाइव केस व प्रशिक्षण की सुविधा