
देहरादून, 26 सितंबर : उत्तराखंड के चीन और नेपाल से सटे सीमांत क्षेत्रों में अब मोबाइल नेटवर्क की घंटी साफ सुनाई देगी। बीएसएनएल राज्य के दुर्गम और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इलाकों को 4जी टावरों से जोड़ रहा है। इसके तहत उत्तरकाशी के नेलांग, चमोली की नीती घाटी और पिथौरागढ़ के नाबीढांग जैसे सुदूरवर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी की समस्या खत्म हो जाएगी।
बीएसएनएल के मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम) कुलविंदर कुमार ने बताया कि सीमा क्षेत्रों के लिए 41 नए टावर लगाए जाने हैं। इनमें से 15 टावर चालू हो चुके हैं और 18 टावर तैयार हैं। पिथौरागढ़ के धारचूला क्षेत्र में स्थानीय लोगों की शिकायत थी कि उन्हें नेटवर्क के लिए नेपाल के टावरों पर निर्भर रहना पड़ता है। स्वदेशी टावर लगने से यह समस्या खत्म हो जाएगी।
589 टावरों से 1057 गांवों को फायदा
प्रदेश के सभी 13 जिलों में 589 नए 4जी टावर स्थापित किए जाने हैं। अब तक 469 टावर काम करना शुरू कर चुके हैं, जिससे 1057 गांवों को नेटवर्क की सुविधा मिल सकेगी। सीजीएम ने बताया कि एक अक्टूबर को बीएसएनएल के 25 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वदेशी 4जी स्टैक का शुभारंभ करेंगे।
सीमान्त जिलों पर विशेष फोकस
पिथौरागढ़ में 65, चमोली में 38 और उत्तरकाशी में 41 टावर लगाए जा रहे हैं। यह टावर पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित होंगे और दुर्गम गांवों में संचार व्यवस्था को मजबूत करेंगे।