उत्तराखंडशिक्षा
Trending

मातृभाषा के रूप में हिन्दी विश्व में दूसरे स्थान पर गौरवान्वित : डॉ. अनिल कुमार दीक्षित

 

देहरादून
हिन्दी दिवस के अवसर पर भारतीय संकलन समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने हिन्दी भाषा के महत्व और गौरव पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उत्तरांचल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. अनिल कुमार दीक्षित ने कहा कि मातृभाषा के रूप में हिन्दी आज विश्व में दूसरे स्थान पर हमें गौरवान्वित करती है। उन्होंने कहा कि हिन्दी केवल संवाद का माध्यम ही नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, परंपरा और अस्मिता का जीवंत प्रतीक है।

डॉ. दीक्षित ने बताया कि देवनागरी लिपि से अलंकृत हिन्दी 1000 वर्ष पुरानी है और संस्कृत से जुड़कर इसका ऐतिहासिक महत्व 5000 वर्ष पुराना हो जाता है। उन्होंने नई शिक्षा नीति 2020 में हिन्दी को दिए गए विशेष स्थान को भी उल्लेखित किया।

कार्यक्रम में वक्ता श्रीमती मीना तिवारी ने कहा कि वैश्वीकरण के इस दौर में हिन्दी सोशल मीडिया पर 6% की विकास दर से विश्वभर में परिलक्षित हो रही है। मातृभाषा के रूप में हिन्दी हमें एकता के सूत्र में बांधती है और राष्ट्र की आत्मा से जोड़ती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button