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चार जन औषधि केंद्रों की खरीद-बिक्री पर रोक, लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति

ऋषिकेश और हरिद्वार में औषधि विक्रेताओं पर एफडीए की छापेमारी

 

हरिद्वार, 7 अगस्त  : नकली और सब स्टेंडर्ड दवाओं के खिलाफ प्रदेश सरकार का अभियान तेज हो गया है। इसी क्रम में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की क्विक रिस्पांस टीमों ने गुरुवार को ऋषिकेश और हरिद्वार के नौ औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों पर औचक छापेमारी की। इस दौरान कई स्थानों पर गंभीर अनियमितताएं पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की गई।

एफडीए ने ज्वालापुर एवं कनखल क्षेत्र के चार जन औषधि केंद्रों और एक अन्य प्रतिष्ठान की दवाओं की खरीद-बिक्री पर तत्काल रोक लगा दी है। साथ ही इनका लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति शासन को भेजी गई है। वहीं, ऋषिकेश के नेपाली फार्म क्षेत्र व आसपास के दो प्रतिष्ठानों पर भी अनियमितताएं पाई गईं, जिनकी दवा बिक्री तत्काल प्रभाव से बंद कर दी गई है और स्पष्टीकरण तलब किया गया है।

उल्लेखनीय है कि खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार के निर्देश पर नकली दवाओं के नेटवर्क को तोड़ने के लिए विशेष क्विक रिस्पांस टीमें गठित की गई हैं, जो लगातार औचक निरीक्षण कर रही हैं।

गुरुवार की छापेमारी में टीम में सहायक औषधि नियंत्रक डॉ. सुधीर कुमार, वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनिता भारती, औषधि निरीक्षक मानेंद्र सिंह राणा, विनोद जगुड़ी, हरीश सिंह, निधि रतूड़ी काला और मेघा शामिल रहीं।

जन औषधि केंद्रों की पर उठे सवाल

ऋषिकेश और हरिद्वार में एफडीए की छापेमारी के दौरान चार जन औषधि केंद्रों में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। कुछ केंद्रों में लाइसेंस संबंधी खामियां सामने आईं, तो कहीं बिना अधिकृत फार्मासिस्ट दवाएं बिकती मिलीं। कई जगह स्टॉक व बिलिंग का समुचित रिकॉर्ड भी उपलब्ध नहीं था। एफडीए ने इन चार केंद्रों की दवा बिक्री पर तत्काल रोक लगाकर लाइसेंस निरस्तीकरण की संस्तुति शासन को भेजी है। जन औषधि योजना की पारदर्शिता और गुणवत्ता को लेकर अब इन केंद्रों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।

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