‘लखपति दीदी’, के बाद अब ‘जल सखी योजना’
मुख्यमंत्री धामी ने रक्षा बंधन पर बहनों को दी सौगात, महिलाओं को मिलेगा अब गांव की जल व्यवस्था का जिम्मा

उत्तराखंड में 1.63 लाख महिलाएं बनीं ‘लखपति दीदी’
देहरादून, 3 अगस्त : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वे एक मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि एक भाई के रूप में प्रदेश की माताओं और बहनों की सेवा में उपस्थित हैं। उन्होंने भावुक अपील करते हुए कहा कि यदि किसी बहन-बेटी को कभी कोई परेशानी हो, तो वह सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क करें — वे स्वयं उसकी समस्या का संज्ञान लेकर समाधान कराएंगे।
मुख्यमंत्री रविवार को हरबंस कपूर मेमोरियल कम्युनिटी हॉल, गढ़ीकैंट, देहरादून में आयोजित रक्षाबंधन समारोह-2025 में शामिल हुए। इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी उपस्थित रहे। समारोह में भारी संख्या में माताओं-बहनों की मौजूदगी रही। मुख्यमंत्री ने सभी को रक्षाबंधन की अग्रिम शुभकामनाएं दीं और पंचायत चुनावों में समर्थन के लिए जनता का आभार जताया।
उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं के आत्मबल और उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। “मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना” से अब तक 30 हजार से अधिक महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं और उन्होंने 5 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार कर दिखाया है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में 1.63 लाख से अधिक महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं।
📦 क्या है लखपति दीदी योजना?
यह योजना ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर उन्हें सालाना ₹1 लाख या उससे अधिक आय वाली उद्यमी बनाने के लिए शुरू की गई है। इसके अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और विपणन सहयोग दिया जाता है ताकि वे छोटे स्तर पर उद्योग, कृषि, डेयरी या हस्तशिल्प जैसे कार्य शुरू कर सकें।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि सरकार जल्द ही ‘जल सखी योजना’ शुरू करने जा रही है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति, बिल वितरण, वसूली और रखरखाव जैसे कार्य महिला समूहों को सौंपे जाएंगे। उन्होंने कहा, “ये केवल योजनाएं नहीं, बल्कि मेरी बहनों के प्रति जिम्मेदारी और स्नेह हैं।”
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिलाओं के लिए चल रही योजनाओं जैसे ‘हर घर शौचालय’, ‘जल जीवन मिशन’ की सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की सीमांत क्षेत्रों की महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने का कार्य हुआ है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण प्रदान किया है और ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड के जरिए महिलाओं के उत्पादों को वैश्विक पहचान मिल रही है।