12 शहरी PHC पर एक साथ DM का छापा: भारी गड़बड़ियों में फर्म पर ₹5 लाख जुर्माना
स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की गैरहाजिरी, दवाओं की कमी और गंदगी मिली, संचालन कर रही प्राइवेट फर्म पर अनुबंध समाप्ति की सिफारिश

देहरादून, 30 जुलाई 2025 : देहरादून के 12 से अधिक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) में एकसाथ की गई छापेमारी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां उजागर हुई हैं। जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में मंगलवार सुबह 9 बजे शुरू हुए इस निरीक्षण अभियान में डॉक्टरों की अनुपस्थिति, दवाओं की कमी, उपकरणों का अभाव और साफ-सफाई जैसी मूलभूत व्यवस्थाओं की भारी अनदेखी पाई गई। इन अनियमितताओं पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने संचालन कर रही फर्म अक्षांस/चित्रांश जेवीके प्रा. लि. पर ₹5 लाख का जुर्माना लगाया और अनुबंध समाप्त करने की सिफारिश की है।
छापेमारी में जिन शहरी PHC का निरीक्षण किया गया, वे हैं — जाखन, गांधीग्राम, चूना भट्ठा, अधोईवाला, कारगी, रीठामंडी, बकरालवाला, खुड़बुड़ा, सीमाद्वार, दीपनगर, माजरा और बीएस कॉलोनी शामिल रहे।
🔹 सामने आईं प्रमुख खामियां:
कई केंद्रों में डॉक्टर, नर्स, एएनएम और स्टाफ नदारद
दवाओं और प्राथमिक चिकित्सा उपकरणों की भारी कमी
साफ-सफाई की बदतर स्थिति, संक्रमण फैलने का खतरा
टीकाकरण के लिए जरूरी जनरेटर और कोल्ड चेन उपकरण अनुपस्थित
मरीजों के बैठने और पीने के पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव
कुछ केंद्र अंधेरे, संकरे और बदबूदार कमरों में संचालित हो रहे थे
जिलाधिकारी ने जाखन और गांधीग्राम PHC की दुर्दशा पर कड़ी नाराजगी जताते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी को तत्काल सुधार के निर्देश दिए। इसके साथ ही पिछले तीन महीने की बायोमेट्रिक उपस्थिति रिपोर्ट भी तलब की गई है।
मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने चूना भट्ठा, अधोईवाला और कारगी PHC में भी स्टाफ की गैरहाजिरी और उपकरणों की दुर्गति को गंभीर माना। इन सभी गंभीर लापरवाहियों को देखते हुए जिला प्रशासन ने संचालन कर रही फर्म अक्षांस/चित्रांश जेवीके प्रा. लि. पर ₹5 लाख का प्रारंभिक अर्थदंड लगाया है और फर्म का अनुबंध रद्द करने की सिफारिश मुख्य सचिव को भेजी गई है। मौजूदा एमओयू की समीक्षा की जा रही है और भविष्य में और सख्त कार्रवाई की संभावना जताई गई है।
निरीक्षण अभियान में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, एसडीएम हरी गिरी और एसडीएम अपूर्वा सिंह अलग-अलग टीमों में शामिल रहे।
DM लगातार एक्शन मोड में
यह कार्रवाई DM सविन बंसल की प्रशासनिक सख्ती के उस सिलसिले की कड़ी है, जो हाल के दिनों में लगातार देखने को मिल रही है। सोमवार को उन्होंने एक बुजुर्ग की लंबित शिकायत दबा देने के मामले में एक कानूनगो को तत्काल निलंबित कर दिया था। बीते हफ्तों में भी वे जनसुनवाई में दर्जनों मामलों में तत्काल आदेश, भूमाफियाओं पर सख्ती, और अनदेखी करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई कर चुके हैं। प्रशासनिक महकमे में यह स्पष्ट संदेश है — काम में लापरवाही अब नहीं चलेगी।