गैरसैंण विधानसभा में हंगामा, विपक्ष ने पलटी मेज तोड़ा माइक
मानसून सत्र का पहला दिन, कार्यवाही कई बार स्थगित

आठ विधेयक किए गए सदन के पटल पर प्रस्तुत
भराड़ीसैंण (चमोली), 19 अगस्त : उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र का पहला ही दिन भारी हंगामे की भेंट चढ़ गया। कांग्रेस विधायकों ने सदन में नारेबाजी करते हुए सचिव की टेबल पलट दी, माइक तोड़ डाला और कार्यसूची की प्रतियां फाड़कर हवा में लहराईं। हंगामे के चलते विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कार्यवाही कई बार स्थगित की और अंततः दोपहर 3 बजे तक के लिए रोकनी पड़ी।
पूरे दिन की कार्यवाही में सदन मात्र 1 घंटा 45 मिनट ही चल पाया, जबकि विपक्ष के जोरदार हंगामे के कारण लगभग 1 घंटा 30 मिनट का व्यवधान रहा। नारेबाजी के चलते आज प्रश्नकाल नहीं हो सका। आज के सत्र में कुल आठ विधेयक सदन के पटल पर प्रस्तुत किए गए।
शुरुआत में श्रद्धांजलि, फिर अनुपूरक बजट
सत्र की शुरुआत में सदन ने दिवंगत पूर्व विधायक मुन्नी देवी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 5,311 करोड़ का अनुपुरक बजट प्रस्तुत किया। इस दौरान बताया गया कि मानसून सत्र में मंत्रियों से 550 से अधिक प्रश्न पूछे जाने हैं। लेकिन विपक्ष ने प्रश्नकाल शुरू होते ही सरकार को घेरना शुरू कर दिया। विपक्षी कांग्रेस विधायकों ने सदन में आपदा प्रबंधन में लापरवाही, पंचायत चुनाव में धांधली और सरकारी नीतियों को लेकर कड़ा विरोध जताया। उनका आरोप था कि सरकार गंभीर सवालों से बच रही है और जनता की समस्याओं का जवाब देने से कतरा रही है।
कांग्रेस विधायकों ने किया हंगामा और तोड़फोड़
सदन में माहौल इतना गरमाया कि कांग्रेस विधायकों ने वेल में आकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान उन्होंने कार्यसूची फाड़ दी और हवा में उछाल दी। यही नहीं, गुस्से में सचिव की टेबल पलट दी गई और माइक तक तोड़ डाला गया। इससे सदन का माहौल अराजक हो गया और प्रश्नकाल बाधित हो गया। पहला दिन पूरी तरह से हंगामे की भेंट चढ़ गया
अध्यक्ष ने जताई कड़ी नाराज़गी
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विपक्षी विधायकों के इस व्यवहार को “दुखद और निंदनीय” बताते हुए कहा कि लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर में इस तरह की घटनाएं अस्वीकार्य हैं। उन्होंने बार बार कहा कि मे तोड़िए, मत तोड़िए, प्रॉपर्टी को मे तोड़िए। यह उत्तराखंड की जनता की गाढ़ी कमाई से बना है। इसे मत तोड़िए पर विपक्ष ने उनकी बात नहीं सुनी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनता की आवाज़ बुलंद करने का मंच यह है, लेकिन अनुशासन भंग कर लोकतांत्रिक गरिमा को ठेस पहुँचाना सही नहीं है।
सरकार और विपक्ष आमने-सामने
जहाँ विपक्ष लगातार नारेबाजी करता रहा, वहीं सत्ता पक्ष ने इसे कांग्रेस की हताशा बताया। भाजपा विधायकों का कहना था कि सरकार हर मुद्दे पर जवाब देने को तैयार है, लेकिन कांग्रेस केवल हंगामे के जरिए सुर्खियाँ बटोरना चाहती है।
लगातार शोर-शराबे और टकराव के चलते विधानसभा की कार्यवाही सामान्य रूप से नहीं चल पाई। जनता से जुड़े सवाल और अनुपूरक बजट पर चर्चा अधूरी रह गई। शाम 4:00 बजे मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 2025-26 की अनुपूरक मांगें सदन के पटल पर प्रस्तुत कीं। अनुपूरक मांगों के प्रस्तुतिकरण के साथ ही सदन की कार्यवाही को कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।