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उत्तराखंड में तीन दिन भारी बारिश का अलर्ट, केदारनाथ यात्रा स्थगित

मंगलवार से गुरुवार तक रेड-ओरेंज अलर्ट, नदी किनारे मुनादी कर लोगों को किया जा रहा है सतर्क

उत्तरकाशी: डबरानी में पोकलैंड समेत चालक भागीरथी में समाया

देहरादून, 11 अगस्त 2025 : उत्तराखंड में अगले तीन दिन मौसम के लिहाज से बेहद संवेदनशील रहने वाले हैं। मौसम विभाग ने मंगलवार से गुरुवार तक के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। हालात की गंभीरता को देखते हुए सभी जिलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। पौड़ी से लेकर पिथौरागढ़ तक नदियां उफान पर हैं और नदी किनारे रह रहे लोगों को मुनादी कर सतर्क किया जा रहा है।

देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी और पौड़ी जिलों में एहतियातन स्कूल बंद रहेंगे। वहीं, रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से केदारनाथ यात्रा तीन दिनों के लिए स्थगित कर दी है। रुद्रप्रयाग जिले में जवाड़ बायपास मार्ग बार-बार पत्थर गिरने से बंद हो रहा है।

मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार को हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। देहरादून, टिहरी, पौड़ी, चंपावत और बागेश्वर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। आज भी पहाड़ से मैदान तक मौसम का रौद्र रूप देखने को मिला। बारिश का सबसे ज्यादा कर देहरादून के नल पान नालापानी क्षेत्र में देखने को मिला। प्राचीन टपकेश्वरमदिर मंदिर के समीप बहने वली तमसा नदी भी उफान पर थी।

भागीरथी में चालक सहित बही पोकलैंड मशीन 

उत्तरकाशी गंगोत्री हाईवे पर डबरानी के पास सोमवार दोपहर एक दर्दनाक हादसा हो गया। वैकल्पिक मार्ग बनाने में लगी पोकलैंड मशीन उफनती भागीरथी नदी में चालक समेत बह गई। गैरसैंण निवासी चालक का अब तक कोई पता नहीं चल सका है। तेज बहाव में मशीन और चालक दोनों लापता हो गए। हादसे के बाद मौके पर मौजूद अन्य जेसीबी और पोकलैंड चालक काम रोककर हट गए, हालांकि पुलिस और बीआरओ अधिकारियों ने समझाकर दोबारा मार्ग निर्माण शुरू कराया।

हर्षिल की अस्थायी झील को खोलने के प्रयास तेज

पांच अगस्त की दैवीय आपदा के बाद हर्षिल में लगभग एक किलोमीटर लंबी अस्थायी झील बन गई है। संभावित खतरे को देखते हुए मुहाने पर पेड़ काटकर पानी निकालने की कोशिश जारी है, ताकि झील का दबाव कम किया जा सके।

आपदा के छठे दिन भी SDRF का राहत-बचाव कार्य जारी 

धराली और आसपास के प्रभावित क्षेत्रों में SDRF उत्तराखंड पुलिस का अभियान छठे दिन भी जारी है। मलबे में दबे लापता लोगों की तलाश के लिए पायनियर उपकरण और प्रशिक्षित डॉग स्क्वाड की मदद ली जा रही है। डॉग स्क्वाड जीवन के संभावित संकेत खोज रहा है, जबकि उपकरणों से मलबा हटाकर भवनों की सुरक्षित जांच की जा रही है।

 

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