विधवा से अन्याय, डीएम ने काटी 6.50 लाख की आरसी
चार बेटियों की मां को कर्ज माफी के लिए भटका रहे थे बैंक व बीमा कंपनी, डीएम बोले- अब होगी वसूली, नहीं तो बैंक पर ताला
देहरादून, 13 जुलाई 2025: जिला प्रशासन देहरादून लगातार अपने कड़े फैसलों से जनता को राहत दिलाने के साथ ही ऐसे संस्थानों पर शिकंजा कस रहा है, जो आम लोगों का शोषण कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक और बैंक अब प्रशासन के रडार पर आ गया है। मामला एक विधवा महिला प्रिया और उसके चार बेटियों से जुड़ा है, जिसे बैंक और बीमा कंपनी द्वारा बीमित ऋण के बावजूद अनावश्यक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था।
जिलाधिकारी सविन बंसल के समक्ष यह मामला तब पहुंचा जब महिला प्रिया ने फरियाद लगाई कि उसके पति स्व. विकास कुमार ने 6.50 लाख का होम लोन लिया था, जो बैंक के कहने पर बीमित भी कराया गया था। पति के निधन के बाद बीमा कंपनी और बैंक दोनों ही कर्ज माफी से पल्ला झाड़ रहे थे। महिला पिछले एक वर्ष से लगातार न्याय के लिए भटक रही थी, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी।
जिलाधिकारी ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए सीएसएल फाइनेंस लिमिटेड बैंक के प्रबंधक के खिलाफ 6.50 लाख रुपये की वसूली के आदेश जारी करते हुए आरसी काट दी है। साथ ही स्पष्ट किया गया है कि अगर तय समय सीमा में रकम जमा नहीं हुई तो बैंक की कुर्की और नीलामी की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी जिलाधिकारी के सामने शिवानी गुप्ता नाम की एक अन्य महिला का ऐसा ही मामला आ चुका है, जिसमें बैंक की लापरवाही उजागर होने पर 15.50 लाख रुपये की आरसी काटी गई थी और बैंक को सील कर दिया गया था। इसके बाद बैंक प्रबंधन फरियादी के घर तक जाकर उसकी संपत्ति के कागज लौटाने को मजबूर हुआ था।
अब ताजा मामला प्रिया का सामने आया है। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि मृतक के आश्रितों को अनावश्यक रूप से परेशान करने वाले बैंकों व बीमा कंपनियों को बख्शा नहीं जाएगा। जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस पूरे मामले में बैंक और बीमा कंपनी के रवैये को गैरजिम्मेदाराना करार देते हुए कहा कि सरकार की मंशा के अनुरूप ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई होगी।
प्रिया के पति की मृत्यु 12 जुलाई 2024 को हो चुकी थी, लेकिन उसके बावजूद बैंक और बीमा कंपनी न तो कर्ज माफ कर रहे थे और न ही बीमा क्लेम दे रहे थे। प्रशासन के सख्त रुख के बाद अब बैंक प्रबंधन की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
जिला प्रशासन के इस सख्त रुख से पीड़ितों में न्याय की उम्मीद जगी है और जनमानस में खुशी की लहर है।